शाबाश भुला बिपिन..पहाड़ के इस नौजवान ने बिना मिट्टी के ही पौधे उगा दिए
क्या आपने कभी सोचा है कि बिना मिट्टी के पौधा उगना कभी संभव है? नहीं न, मगर दून निवासी विपिन बडोनी इस मिथ को तोड़ते नजर आ रहे हैं।
Jun 5 2020 9:22PM, Writer:अनुष्का ढौंडियाल
5 जून यानी कि विश्व पर्यावरण दिवस। इस दौर में प्रकृति से जुड़ाव रखने वाले लोगों की तादात बेहद कम है। बंद कमरों में मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स के इर्द-गिर्द अपना जीवन व्यतीत करने वाले अधिकांश लोगों को पर्यावरण की महत्वत्ता नहीं पता। जो लोग प्रकृति से जुड़े हैं उनके जीवन में खुद ब खुद सकारात्मकता का संचार होता है। प्रकृति अस्त-व्यस्त जीवन को संतुलन प्रदान करती है। उत्तराखंड के युवाओं का भी इन दिनों नेचर के प्रति आकर्षण बढ़ता दिखाई दे रहा है। कई युवा और प्रकृति प्रेमी रोजगार छोड़ गांव की ओर स्वरोजगार की तरफ अग्रसर हैं वहीं कुछ युवा अपने-अपने घरों में ही बागवानी के साथ एक्सपेरिमेंट करते रहते हैं। आज उत्तराखंड के एक ऐसे ही बेटे के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं जिसने अपने घर में ही बिना मिट्टी के पौधे उगा दिए हैं। जी हां, आपने बिल्कुल सही पढ़ा। बिना मिट्टी के पौधे उगाना बिल्कुल मुमकिन है। यह कारनामा कर दिखाया है देहरादून के विष्णुपुरम कॉलोनी में रहने वाले विपिन बडोनी ने। विपिन बडोनी पिछले 4 साल से मशरूम सीड कल्टीवेशन पर काम कर रहे हैं।उन्होंने लॉकडाउन के दौरान कुछ प्रोडक्टिव करने की ठानी और बिना किसी ट्रेनिंग के सेल्फ स्टडी के द्वारा हाइड्रोपोनिक्स तकनीक पर हाथ आजमाया और बिना मिट्टी के पौधे उगाए। आगे भी पढ़ लीजिए
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विपिन ने ये अनोखा काम कैसे किया चलिए उससे पहले आपको इस अनोखी तकनीक के बारे में जानकारी देते हैं। यह तकनीक मूल रूप से इजरायल की देन है। एक पौधे को उगने के लिए मिट्टी का होना अनिवार्य है मगर हाइड्रोपोनिक्स तकनीक में बिना मिट्टी के केवल पानी में पौधे उगाए जा सकते हैं। इजरायल में यह तकनीक काफी प्रचलित है क्योंकि वहां की जमीन में उपजाऊपन नहीं होता। आम तौर पर पानी के अंदर ही पोषक तत्व डाल कर पौधों को उगाया जा सकता है। ऐसे में विपिन ने बिना किसी सहायता के इस तकनीक से घर पर ही बिना मिट्टी के पालक, धनिया, राई, पुदीना और बैंगन जैसे फल उगाए हैं। उन्होंने महीने भर के भीतर स्टडी की, जरूरी उपकरणों को जुटाया और पानी के टैंक के अंदर सभी के बीज बो दिए। बीज अंकुरित होने के साथ ही उनके हौसले बुलंद होते दिखाई दिए। विपिन बडोनी कहते हैं कि ये उनका पहला प्रयोग है। उनके दिमाग में लॉकडाउन के दौरान यह आइडिया आया और मेहनत सफल होती देख कर उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। हाइड्रोपोनिक्स तकनीक पहाड़ों के लिए भी काफी लाभदायक है। पहाड़ों पर भी ऐसी कई जमीनें हैं जो बंजर पड़ी हुई हैं। ऐसे में केवल पानी से सब्जियां उगाने वाली यह तकनीक बेहद कारगर और कामयाब साबित होगी। इसमें सब्जियों के साथ-साथ और भी पौधे लगाए जा सकते हैं। उम्मीद है कि इस सफल प्रयोग के बाद लोग इस तकनीक को एडाप्ट करेंगे और कृषि के क्षेत्र में काम करने वाले और अनुसंधान करने वाले लोग इस दिशा में विचार करेंगे। उत्तराखंड के बेटे विपिन बडोनी ने इस तकनीक में हाथ आजमा कर सफलता का मुकाम हासिल किया है। उनका प्रयास सराहनीय है और वह भविष्य में कई लोगों के लिए उम्मीद की किरण साबित होंगे।