देहरादून के लिए कोरोना का रेड सिग्नल, कम्युनिटी ट्रांसमिशन का खतरा
आशंका जताई जा रही है कि कहीं देहरादून में कम्युनिटी ट्रांसमिशन तो शुरू नहीं हो गया? आइए इस खतरे को समझने की कोशिश करते हैं।
Jun 10 2020 2:02PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क
उधर देहरादून में कोरोनावायरस के मोर्चे पर नई चुनौती आ खड़ी हुई है। देहरादून में अब ऐसे मरीज सामने आ रहे हैं जो कोरोनावायरस पॉजिटिव तो हैं लेकिन ये पता नहीं लग रहा कि उनकी ट्रैवल हिस्ट्री क्या रही? साथ ही यह भी पता नहीं लग रहा है कि इंफेक्शन का सोर्स आखिर क्या है? ऐसे में बड़ा सवाल उठ रहा है कि क्या देहरादून जिला कम्युनिटी स्टेज की तरफ तो नहीं बढ़ रहा? कम्युनिटी ट्रांसमिशन कोरोना महामारी की तीसरी स्टेज होती है। ऐसी स्थिति तब होती है जब एक बड़े इलाके में कई लोग एक साथ संक्रमित पाए जाते हैं। ऐसे इलाकों में स्थिति खतरनाक स्तर पर पहुंच जाती है। इन परिस्थितियों पर काबू पाना काफी मुश्किल हो जाता है। ऐसे हालात में कोई ऐसा व्यक्ति भी वायरस से संक्रमित हो जाता है जो ना ही किसी वायरस प्रभावित देश से लौट हो ना ही किसी संक्रमित शख्स के संपर्क में आया हो। संक्रमण का पता लगाना भी मुश्किल हो जाता है। आगे पढ़िए देहरादून का हाल
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पिछले कुछ दिनों से देहरादून में ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जिनकी ट्रैवल हिस्ट्री पता नहीं चल पा रही है। उनके संक्रमण का सोर्स भी पता नहीं चल रहा है। निरंजनपुर सब्जी मंडी ने तो स्वास्थ्य विभाग की परेशानी बढ़ाई है। मंगलवार को देहरादून में कोरोनावायरस संक्रमण के 6 ऐसे मरीज सामने आए जिनके ट्रैवल हिस्ट्री का कुछ भी पता नहीं है। ये भी पता नहीं लग पाया है कि आखिर उन तक कोरोनावायरस संक्रमण कैसे आया? सवाल यही है कि क्या देहरादून अब कम्युनिटी ट्रांसमिशन की तरफ बढ़ रहा है? लॉकडाउन लागू होने से पहले ICMR ने सामुदायिक ट्रांसमिशन का पता लगाने के लिए 800 रैंडम सैंपल लिए गए थे। हालांकि इस दौरान सामुदायिक संक्रमण के नतीजे नेगेटिव निकले थे।