गढ़वाल: डिप्रेशन के चलते 20 साल की छात्रा ने लगाई फांसी, फंदे से लटकी मिली लाश
डिप्रेशन एक साइलेंट किलर है, इसे इग्नोर ना करें। चंबा में डिप्रेशन से जूझ रही छात्रा ने खुदकुशी कर ली। वो सिर्फ 20 साल की थी...
Jun 19 2020 7:13PM, Writer:कोमल नेगी
उत्तराखंड में कोरोना काल के दौरान खुदकुशी के मामले तेजी से बढ़े हैं। लॉकडाउन से पहले जिंदगी सामान्य थी, लेकिन कोरोना के डर से लोग एक तरह से घरों में कैद हो गए हैं। इसके साथ ही डिप्रेशन, चिंताएं और घरेलू झगड़े भी बढ़े हैं। यही चिंताएं लोगों को अपनी जिंदगी खत्म कर लेने पर मजबूर कर रही है। स्कूल-कॉलेज के छात्र भी डिप्रेशन के शिकार हैं। टिहरी गढ़वाल में इसी तरह की मानसिक परेशानियों से जूझ रही एक छात्रा ने खुदकुशी कर ली। वो सिर्फ 20 साल की थी। उसका परिवार चंबा के बुरांसवाड़ी क्षेत्र में रहता है। गुरुवार को छात्रा ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। घटना दोपहर 12 बजे की है। घटना से कुछ देर पहले तक वो अपने परिवार वालों के साथ बैठी थी। इसी दौरान वो अचानक कमरे में चली गई। काफी देर तक वो नजर नहीं आई तो परिजनों ने उसे ढूंढना शुरू किया। परिजन उसके कमरे तक पहुंचे तो देखा कि कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था। आगे पढ़िए
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कई बार आवाज देने के बाद भी कमरे से कोई जवाब नहीं आया तो वो किसी तरह दरवाजा खोलकर भीतर दाखिल हुए। वहां पहुंचते ही परिजनों के मुंह से चीख निकल गई। कमरे में छात्रा की लाश पंखे से लटकी हुई थी। मामले की सूचना मिलते ही पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और शव को नीचे उतारा। परिजनों और पुलिस के पहुंचने से पहले ही मोनिका की मौत हो चुकी थी। परिजनों ने बताया कि छात्रा बीए सेकेंड ईयर में पढ़ती थी। वो पिछले कई दिनों से डिप्रेशन से जूझ रही थी। बहरहाल पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। मामले की जांच की जा रही है। लॉकडाउन के दौरान उत्तराखंड में खुदकुशी के मामले बढ़े हैं। सामान्य दिनों में लोग मन बहलाने के लिए दोस्तों और रिश्तेदारों से बातचीत कर समस्याएं, चिंताएं साझा करते थे। लेकिन लॉकडाउन में इन चीजों के नहीं होने के कारण लोग डिप्रेशन में आ रहे हैं। अगर आप या आपके आस-पास कोई मानसिक समस्याओं से जूझ रहा हो तो मामले को इग्नोर ना करें। प्रोफेशनल्स की हेल्प लें।