उत्तराखंड: दहेज के दानवों की शिकार हुई एक बेटी..सुसाइड नोट से खुले कई राज
मरने वाली युवती का नाम दामिनी उर्फ आंचल था। वो किच्छा रोड के गणेश मंदिर के पास रहती थी। ससुराल वालों के जुल्मों से तंग आकर दामिनी ने फांसी लगाकर जान दे दी...आगे पढ़िए पूरी खबर
Jun 22 2020 9:18AM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क
कहते हैं दिखता नहीं है, लेकिन होता जरूर है, हर खुदकुशी के पीछे कोई ना कोई कातिल जरूर छिपा होता है। आखिर कोई जिंदगी खत्म कर लेने का फैसला यूं ही नहीं कर लेता। अब ऊधमसिंहनगर में ही देख लें, जहां विवाहिता ने दहेज प्रताड़ना से तंग होकर मौत को गले लगा लिया। मृतक के पास से पुलिस को 10 पन्ने का सुसाइड नोट मिला है। जिसमें मरने वाली विवाहिता ने अपनी आपबीती बताई है, साथ ही परिजनों से कहा कि वो उसके गुनाहगारों को बच कर ना जाने दें। मरने वाली युवती का नाम दामिनी उर्फ आंचल था। वो किच्छा रोड के गणेश मंदिर के पास रहती थी। बीते दिन दामिनी ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। मृतक के पास से पुलिस को एक सुसाइड नोट मिला है। जिसमें उसने मौत का जिम्मेदार पति, सास, ननद और व्यापार मंडल के अध्यक्ष को ठहराया है। आगे पढ़िए
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दामिनी ने मरने से पहले दस पन्नों के सुसाइड नोट में खुद पर गुजर रही पीड़ा के बारे में बताया। साथ ही पति और ससुराल वालों की करतूत का खुलासा भी किया। दामिनी के पति का नाम दीपक कुमार है। सुसाइड नोट में दामिनी ने बताया कि पति और ससुराल वाले उसे दहेज के लिए प्रताड़ित करते हैं। पति मारता-पीटता है। दामिनी मां बनना चाहती थी, लेकिन पति हमेशा टालता रहा। उससे मां बनने का हक भी छीन लिया गया। दामिनी ने व्यापार मंडल के अध्यक्ष संजय गोयल के बारे में भी जिक्र किया है। उसने लिखा कि संजय गोयल अंकल ने मेरा घर तो बसाया, लेकिन साथ हमेशा दीपक का ही दिया। दामिनी ने मायकेवालों से इंसाफ दिलाने की अपील की। वहीं पुलिस का कहना है कि डायरी को फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है। मृतक की परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने पति, ससुरालवालों और अन्य आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया है। मामले की जांच जारी है।