रुद्रप्रयाग में गुलदार का आतंक, गौशाला में घुसकर 21 बकरियों को मार डाला..गांव में दहशत
पिछले महीने ऐसी ही एक घटना नैनीताल में भी हुई थी। जहां गुलदार ने गौशाला में घुसकर 70 बकरियों को मार दिया था। आगे पढ़िए पूरी खबर
Jul 2 2020 1:50PM, Writer:कोमल नेगी
प्रदेश सरकार लोगों से गांव में ठहरने को कह रही है, पहाड़ को आबाद करने की अपील कर रही है। लेकिन पहाड़ की जिंदगी आसान नहीं है। जिस पहाड़ में ना तो लोगों के बच्चे सुरक्षित हों और ना ही मवेशी...वहां भला कोई क्यों ठहरना चाहेगा। पहाड़ी क्षेत्रों में गुलदार आतंक का सबब बने हुए हैं। कहीं मासूम बच्चे गुलदार का निवाला बन रहे हैं, तो हीं मवेशियों के मारे जाने से पशुपालक खून के आंसू रोने को मजबूर हैं। मामला रुद्रप्रयाग का है। जहां गुलदार ने एक पशुपालक की 21 बकरियों को अपना निवाला बना लिया। पीड़ित पशुपालक का नाम बीरबल सिंह है। वो तल्ला नागपुर के दशज्यूला क्षेत्र में पड़ने वाले गांव ढुंग-जरम्वाड़ में रहते हैं। बीती रात बीरबल सिंह और उनका परिवार घर में सो रहा था। इसी दौरान गुलदार उनकी गौशाला में जा घुसा और एक के बाद एक 21 बकरियां मार दीं। कुछ बकरियां गायब भी हैं। आगे देखिए तस्वीरें
गौशाला में मचाया आतंक
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गुलदार की दहाड़ सुनकर जब तक बीरबल मौके पर पहुंचे, तब तक सब खत्म हो चुका था। हमले में मारी गई बकरियां ही बीरबल की आजीविका का जरिया थीं। वो मवेशी पालकर परिवार की गुजर-बसर करते हैं। बीरबल बकरियों को बड़ी मुश्किल से पाल रहे थे, लेकिन एक रात के भीतर सब खत्म हो गया। गुलदार के हमले में 21 बकरियां मारी गईं, जबकि कई बकरियां गायब हैं।
गांव में हड़कंप
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बीरबल सिंह और उनका पूरा परिवार गहरे सदमे में है। पीड़ित परिवार के सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है। वहीं ग्रामीणों ने कहा कि क्षेत्र में गुलदार का आतंक चरम पर है, लेकिन वन विभाग उनकी समस्या पर ध्यान नहीं दे रहा। ग्रामीणों ने पीड़ित पशुपालक को मुआवजा देने की मांग की। आपको बता दें कि पिछले महीने ऐसी ही एक घटना नैनीताल के जलाल गांव में भी सामने आई थी। जहां गुलदार के हमले में पशुपालक बच्ची सिंह की 70 बकरियां मारी गई थीं। गुलदार के हमले की वजह से उन्हें लाखों का नुकसान हुआ था। अब रुद्रप्रयाग के बलबीर सिंह को भी इसी तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।