देवभूमि को तोहफा..909 करोड़ की लागत से बनेगा नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी
एनआईटी छात्रों के लिए अच्छी खबर है। अब संस्थान के पास अपना भवन होगा। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने भवन निर्माण के लिए 909.85 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं..
Jul 3 2020 3:14PM, Writer:कोमल नेगी
एनआईटी श्रीनगर के पास जल्द ही अपना भवन होगा। अपना हॉस्टल होगा। एनआईटी में पढ़ रहे छात्र-छात्राओं को ऑप्शन के तौर पर दूसरे कॉलेजों का सहारा नहीं लेना पड़ेगा। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने एनआईटी उत्तराखंड के स्थायी परिसर की स्थापना के लिए बजट देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। मंत्रालय ने श्रीनगर में एनआईटी भवनों के निर्माण के लिए 909.85 करोड़ के प्रस्ताव को मंजूरी दी। बजट मिलने के बाद एनआईटी के भवनों का निर्माण कार्य जल्द शुरू हो सकेगा। एनआईटी के निदेशक एसएस सोनी ने कहा कि बजट मिलते ही निर्माण कार्य शुरू कराए जाएंगे। मंत्रालय ने जो बजट स्वीकृत किया है। उसमें से 831 .04 करोड़ रुपये सुमाड़ी में बनने वाले स्थाई कैंपस के निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। इसके अलावा हॉस्टल, लैब और लेक्चर रूम बनाए जाएंगे, जिसके लिए 78.81 करोड़ रुपये मंजूर हुए हैं।
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ये सारे भवन अस्थाई परिसर सहित रेशम विभाग की जमीन पर बनाये जाने हैं। मानव संसाधन विकास मंत्रालय की तरफ से बजट की स्वीकृति मिलने के साथ ही एनआईटी उत्तराखंड के स्थाई भवनों के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। प्रथम चरण में स्थायी परिसर की योजना 1260 की छात्र क्षमता को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई है। एनआईटी में स्थाई भवन निर्माण के लिए बजट स्वीकृत कराने का श्रेय केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक को जाता है। जिनके प्रयास से भवनों के निर्माण के लिए बजट को स्वीकृति मिल पाई। डॉ. निशंक के मुताबिक भविष्य में श्रीनगर गढ़वाल में परिसर का उपयोग हिमालय के पर्यावरणीय स्थिरता केंद्र के रूप में किया जाएगा। यहां वर्कशॉप, सेमीनार और प्लेसमेंट ड्राइव के साथ-साथ राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
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909.85 करोड़ के बजट में से 831.04 करोड़ रुपये सुमाड़ी में बनने वाले स्थाई कैंपस पर खर्च किए जाएंगे। जबकि 78.81 करोड़ रुपये के बजट से मौजूदा अस्थायी परिसर में हॉस्टल, लेक्चर हॉल, कॉम्प्लेक्स और प्रयोगशाला जैसी सुविधाएं विकसित होंगी। एनआईटी उत्तराखंड के निदेशक एसएस सोनी ने बताया कि जैसे ही बजट मिलेगा, विस्तृत कार्ययोजना बनाकर निर्माण कार्य शुरू करा दिया जाएगा। आपको बता दें कि साल 2009 में स्वीकृत एनआईटी वर्तमान में श्रीनगर के पॉलीटेक्निक और आईटीआई की परिसंपत्तियों में संचालित हो रहा है। लंबे समय से स्थायी भवन न बनने से यहां छात्र-छात्राओं के लिए पर्याप्त हॉस्टल, कक्षा कक्ष और लैब का निर्माण नहीं हो पाया। अब 909.85 करोड़ का बजट स्वीकृत होने के बाद श्रीनगर एनआईटी के पास अपना स्थाई भवन होने की उम्मीद जगी है।