image: Delivery in ambulance in Ramnagar Uttarakhand

उत्तराखंड: बीच सड़क पर हाथी ने रोकी एंबुलेंस, मौके पर ही हुई महिला की डिलिवरी

सरकारी एम्बुलेंस का रास्ता एक हाथी ने रोक लिया। अस्पताल नहीं पहुंच पाने की वजह से प्रसूता की हालत काफी गंभीर हो गई। जिसके बाद एम्बुलेंस में ही उसकी डिलीवरी कराई गई।
Jul 11 2020 6:08PM, Writer:अनुष्का ढौंडियाल

उत्तराखंड में हाथियों का सड़क पर आ जाना बेहद आम सी बात हो गई है। जंगलों को छोड़ कर अब वह सड़कों पर भी खुलेआम घूम रहे हैं। कभी-कभी वह हिंसात्मक हो जाते हैं और तो और वाहनों की तोड़फोड़ कर सड़कों पर खूब उत्पात करने लगते हैं। तो कभी-कभी वाहनों के आने-जाने के रास्ते में बीचों-बीच खड़े हो जाते हैं और लंबे समय तक रास्ता रोक लेते हैं। कई बार इससे काफी नुकसान होता है। ऐसा ही कुछ उत्तराखंड के रामनगर में देखने को मिला जहां गर्भवती महिला को डिलीवरी के लिए सरकारी अस्पताल लेकर आ रही एक सरकारी एम्बुलेंस का रास्ता एक हाथी ने रोक लिया। अस्पताल नहीं पहुंच पाने की वजह से प्रसूता की हालत काफी गंभीर हो गई। जिसके बाद समझदारी दिखाते हुए प्रसूता की डिलीवरी एम्बुलेंस में ही कि गई।

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दरअसल बीते गुरुवार को रामनगर में एक प्रसव पीड़िता महिला को डिलीवरी के दौरान इमरजेंसी में सरकारी अस्पताल लेकर जा रहे थे कि तभी सरकारी एम्बुलेंस का रास्ता एक हाथी ने रोक लिया। काफी देर तक हाथी रास्ते पर रोड़ा बनकर खड़ा रहा। हाथी काफी देर तक रास्ते से नहीं हटा और पीड़िता की हालत खराब होने लगी जिसके बाद परिस्थितियों को देखते हुए प्रसूता की डिलीवरी एम्बुलेंस के ईएमटी वाहन में ही करानी पड़ी। आधे घंटे के बाद हाथी वापस जंगलों की ओर चला गया। जिसके बाद जच्चा-बच्चा को एम्बुलेंस के द्वारा सकुशल अस्पताल में भर्ती कराया गया। चलिए आपको पूरे मामले से अवगत कराते हैं। बोहरा कोट अमगड़ी की निवासी गीतांजलि को गुरुवार की सुबह प्रसव पीड़ा शुरू हुई। तुरंत ही सरकारी एम्बुलेंस को बुलाया गया। जिसके बाद गीतांजलि को तकरीबन 12 बजे एम्बुलेंस से सरकारी अस्पताल लेकर जा रहा था। आगे पढ़िए

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खबर है कि सीतावनी के पास ही एक हाथी खड़ा हो गया जिससे रास्ता ब्लॉक हो गया। इसके बाद एम्बुलेंस के ईएमटी मदन सत्यवली और शुभम कुमार ने वाहन को तकरीबन 200 मीटर दूर खड़ा रखा। गीतांजलि की हालत खराब होने के बाद दोनों ईएमटी ने समझदारी का प्रदर्शन किया और देरी न करते हुए उसका प्रसव एम्बुलेंस में ही कराया। जिसके बाद गीतांजलि और नवजात बच्चे को सकुशल सरकारी अस्पताल लेकर आया गया। डिलीवरी कराने में अमगड़ी की आशा ने भी मदद की जो घटना के दौरान एम्बुलेंस में ही मौजूद थी। परिस्थितियों की देखते हुए उन्होंने मदद का हाथ बढ़ाया और उन्होंने ही वाहन में प्रसव की सलाह दी। तीनों ने गीतांजलि का प्रसव किया जिसके बाद उसको सकुशल अस्पताल पहुंचाया गया। सीएमएस डॉक्टर बीडी जोशी ने बताया कि महिला और नवजात बच्ची की हालत अब स्थिर है।


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