image: Devastation due to heavy rains in pithoragarh

पहाड़ में टूटा बादलों का कहर...3 लोगों की मौत की खबर, कई लोग लापता

पिथौरागढ़ में बादल कहर बनकर टूट पड़े हैं। 3 लोगों की मौत की खबर आ रही है...इसके अलावा कई लोग लापता बताए जा रहे हैं।
Jul 20 2020 9:45AM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क

उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले से एक दुखद खबर सामने आ रही है। यहां गैला गांव में मकान जमींदोज हो गया और 3 लोग लापता बताए जा रहे हैं। उधर आज तक की खबर के मुताबिक तीन लोगों की मौत हो गई है। इसके अलावा 5 लोग घायल बताए जा रहे हैं। इसके अलावा टांगा गांव में भी भूस्खलन की खबर है। बताया जा रहा है कि भूस्खलन में 3 मकान बह गए और 4 लोगों के लापता होने की खबर है। प्रशासन ने अब तक कुल 7 लोगों के लापता होने की पुष्टि की है। यहां भारी बारिश ने करीब एक दर्जन से ज्यादा गांवों में तबाही मचाई है। जो परिवार खतरे की जद में है उन्हें शिफ्ट किया जा रहा है। उधर मुनस्यारी के धापा गांव में एक 5 साल के बच्चे के पहने की भी खबर है। हालांकि बच्चे को थोड़ी देर बाद बचा लिया गया और अब उसका अस्पताल में इलाज चल रहा है। आगे पढ़िए

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मुनस्यारी में एक पुल पानी में चला गया। चीन सीमा तक जाने वाली सड़क को भी काफी नुकसान पहुंचा है। खबर है कि सड़क में कई जगहों पर दरारें आ गई है। उधर उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल, हरिद्वार, नैनीताल, पिथौरागढ़ और बागेश्वर में मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। कुल मिलाकर मुसीबत अभी खत्म नहीं होने वाली। भारी बारिश का कहर लगातार जारी है। से पहले पिथौरागढ़ जिले में चार घर गोरी नदी के उफान में बह गए थे। कई जगह पर सड़कें बंद है और प्रशासन द्वारा लोगों को राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है। मुनस्यारी में बारिश के कहर से लोग बुरी तरह दहशत में हैं। यहां लगातार जारी बारिश से काली और गोरी नदी का जलस्तर बढ़ गया है। दोनों ही नदियां चेतावनी के निशान के करीब बह रही हैं। क्षेत्र के धापा गांव में पांच साल का बच्चा पानी के तेज बहाव में बह गया था, जिसे ग्रामीणों ने बड़ी मुश्किल से बचाया।

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बलोटा गांव में लोगों के घरों में बारिश का पानी और मलबा घुस गया। जिस वजह से घरों को नुकसान पहुंचा है। फसलें तबाह हो गई हैं। सिर पर छत ना रहने की वजह से ग्रामीणों को पूरी रात सड़क पर बितानी पड़ी। बंगापानी तहसील के छोरीबगड़ गांव में कई मकानों पर अभी भी खतरा बना हुआ है। टीआरसी भवन भी खतरे की जद में है। यहां जमीन का लगातार कटाव हो रहा है।

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