उत्तराखंड: मीटिंग में अफसर नदारद..आग-बबूला हुए कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक..देखिए वीडियो
सचिवालय में कुंभ मेला आयोजन के लिए बुलाई गई बैठक में शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक तय समय पर पहुंच गए, लेकिन सचिव नदारद मिले। ये लापरवाही देख मंत्री मदन कौशिक बुरी तरह भड़क गए...आगे देखिए वीडियो
Jul 22 2020 6:10PM, Writer:Komal Negi
उत्तराखंड में सरकारी तंत्र का बुरा हाल है। अफसर खुद को जनता और सरकार से ऊपर समझने लगे हैं। हाल ये है कि अफसर प्रभारी मंत्रियों द्वारा बुलाई गई बैठकों तक में नहीं पहुंचते। प्रदेश में कोरोना खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है। कई जगह कम्युनिटी स्प्रेड का खतरा बना हुआ है। खराब मौसम के चलते पहाड़ी क्षेत्रों में आपदा जैसी स्थिति हो रखी है, लेकिन अफसरों से ये तक नहीं हो पा रहा कि सही समय पर समीक्षा बैठक में पहुंच जाएं। अधिकारियों की लापरवाही ऐसा ही एक नमूना बुधवार को सचिवालय में देखने को मिला। जहां कुंभ मेला आयोजन के लिए बुलाई गई बैठक में शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक तय समय पर पहुंच गए, लेकिन सचिव नदारद मिले। ये लापरवाही देख मंत्री मदन कौशिक बुरी तरह भड़क गए। उन्होंने फोन कर मुख्य सचिव को जमकर लताड़ लगाई। उनसे पूछा कि ‘जब अफसरों को मीटिंग में आना ही नहीं होता, तो मीटिंग बुलाने का मतलब क्या है’। अफसरों के लापरवाह रवैये से नाराज मंत्री मदन कौशिक मीटिंग बीच में ही छोड़कर चले गए। आगे देखिए वीडियो
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मदन कौशिक उत्तराखंड सरकार के शहरी विकास मंत्री व शासकीय प्रवक्ता हैं। ऐसे में सोचिए जब अफसर शहरी विकास मंत्री की बुलाई बैठक तक को गंभीरता से नहीं लेते, तो आम लोगों की समस्याओं को कितनी गंभीरता से लेते होंगे। बुधवार को सचिवालय में जो बैठक बुलाई गई थी, उसमें हरिद्वार कुंभ की तैयारियों पर चर्चा होनी थी। लेकिन बैठक में शहरी विकास विभाग के सचिव शैलेश बगोली के अलावा कोई नहीं पहुंचा। जिससे मदन कौशिक भड़क गए। उन्होंने तुरंत मुख्य सचिव को फोन लगाया और कहा कि ऐसी बैठकों का क्या फायदा, जब इन्हें कोई गंभीरता से नहीं लेता। ये ठीक नहीं है। अफसरों की लापरवाही का ये पहला मामला नहीं है। इससे पहले परिवहन मंत्री यशपाल आर्य, शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय और विधायक राजेश शुक्ला भी अधिकारियों के बर्ताव को लेकर नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। आगे देखिए वीडियो
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कुछ दिन पहले ऊधमसिंहनगर जिले में एक बैठक बुलाई गई थी। जिसमें प्रभारी मंत्री के तौर पर मदन कौशिक हिस्सा लेने पहुंचे थे। इस बैठक के दौरान किच्छा-पंतनगर सीट से विधायक राजेश शुक्ला ने डीएम नीरज खैरवाल के व्यवहार को लेकर नाराजगी जताई थी। विधायक राजेश शुक्ला ने बैठक का बहिष्कार कर दिया था। अब अधिकारियों का यही लापरवाह रवैया सचिवालय में बुलाई गई मीटिंग में देखने को मिला। मीटिंग में लोनिवि, सिंचाई, ऊर्जा, शहरी विकास और अन्य विभागों के सचिवों को बुलाया गया था। लेकिन सिर्फ शहरी विकास विभाग के सचिव शैलेश बगोली और लोनिवि सचिव आरके सुधांशु ही बैठक में पहुंचे थे।