पहाड़ की सृष्टि..नेवी गांव की इस बिटिया ने UPSC परीक्षा में पाई कामयाबी..बधाई दें
सृष्टि के पिता दौलत सिंह आईटीबीपी में डिप्टी कमांडेंट के पद पर कार्यरत हैं। इस बेटी का राज्य समीक्षा की टीम की तरफ से बधाई
Aug 4 2020 7:35PM, Writer:Komal Negi
मौजूदा समय में महिलाएं बदल रही हैं...बेटियां सशक्त हो रही हैं। अपनी मेहनत के दम पर ये बेटियां आज समाज के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही हैं। खासतौर पर उत्तराखंड की बेटियों की बात करें, तो वो भी हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। राजनीति हो ,खेल हो या प्रशासनिक सेवाएं...महिलाओं ने समय समय पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। आज हम बात कर रहे हैं उत्तराखंड के बेटी सृष्टि की..सृष्टि अनूठी सांस्कृतिक विरासत के लिए दुनिया भर में मशहूर जौनसार बावर जनजातीय क्षेत्र की रहने वाली हैं। सृष्टि ने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा मे अपने क़ाबिलियत के दम पर अपना वर्चस्व स्थापित किया । जौनसार बावर क्षेत्र की इस बेटी ने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा में देशभर में 734वीं रेंक हासिल की है। इसके साथ ही इस बिटिया ने जौनसार बावर जनजाति क्षेत्र और उत्तराखंड का नाम रोशन किया । सृष्टि जौनसार बावर की खत मंज्यारना (उदपाल्टा) के नेवी गांव से ताल्लुक रखती है। सृष्टि के पिता दौलत सिंह आईटीबीपी में डिप्टी कमांडेंट के पद पर कार्यरत हैं। इस बेटी का राज्य समीक्षा की टीम की तरफ से बधाई
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इस परीक्षा में उत्तराखंड के केदारघाटी के मुकुल जमलोकी ने भी कामयाबी पाई है..रविग्राम(फाटा) निवासी डा. ओम प्रकाश जमलोकी और इंदु जमलोकी के पुत्र मुकुल जमलोकी ने सिविल सेवा परीक्षा 2019 में देशभर में 260वीं रैंक हासिल की है। मुकुल की खास बात ये है कि वो पिछली बार भी 405 वीं रैंक के साथ चयनित हुए थे और इस वक्त भारतीय पोस्टल सेवा में उत्तराखंड में कार्यरत हैं। इससे भी पहले प्रयास में वे भारतीय सूचना सेवा में 504 वी रैंक के साथ चयनित हुए थे और डेढ़ वर्ष हरियाणा में भारतीय सूचना सेवा में कार्यरत रहे। बड़ी बात ये है की मुकुल ने पहले ही प्रयास में यह सफलता हासिल की थी। मुकुल ने इंजीनियरिंग के बाद स्विस कंपनी की जॉब छोड़कर एक साल तक परीक्षा की तैयारी की। मुकुल जमलोकी ने 10वीं तक की पढ़ाई ब्राइटलैंड स्कूल से हुई है। इसके बाद उन्होंने 12वीं की पढ़ाई दिल्ली के स्प्रिंग डेल्स स्कूल से की। इसके बाद इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी के भारती विद्यापीठ कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग सेमुकुल ने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की। इसके बाद उन्हें स्विस कंपनी एबीबी में बैंगलोर में जॉब मिल गई लेकिन उनका मन सिविल सेवा में रमता था। इसलिए मुकुल जमलोकी अपनी जॉब छोड़कर वापस दिल्ली आ गए। मुकुल ने एक साल तक सिविल सेवा परीक्षा की जमकर तैयारी की और पहले ही प्रयास में उन्हें यह सफलता मिल गई। इनके पिता जी डॉ. ओमप्रकाश जमलोकी जी दूरदर्शन, उत्तराखण्ड में वरिष्ठ छायाकार हैं एवं छोटी बहन गरिमा जमलोकी हापुड के सरस्वती मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस हैं।