चमोली DM स्वाति की सराहनीय पहल, किसानों को मंडुवा-झंगोरा का सही दाम
मंडुवा और झंगोरा की खरीद के लिए जिले में पांच क्रय केंद्र खोले गए हैं। इससे काश्तकारों को अपनी फसल का उचित दाम मिलेगा। उन्हें मंडुवा-झंगोरा की बिक्री के लिए बिचौलियों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।
Sep 26 2020 9:25PM, Writer:Komal Negi
सीमांत जिले चमोली में पारंपरिक फसलों का उत्पादन तेजी से बढ़ रहा है। प्रदेश में धीरे-धीरे मंडुवा, झंगोरा, चौलाई जैसी पारंपरिक फसलों को अच्छा बाजार मिलने लगा है। मांग बढ़ने की वजह से ग्रामीण भी मंडुवा-झंगोरा की खेती करने के लिए आगे आ रहे हैं। इसी कड़ी में चमोली जिला प्रशासन ने एक और सराहनीय कदम उठाया है। मंडुवा और झंगोरा की खरीद के लिए चमोली जिले में पांच क्रय केंद्र खोले गए हैं। इससे काश्तकारों को अपनी फसल का उचित दाम मिलेगा। उन्हें मंडुवा-झंगोरा की बिक्री के लिए बिचौलियों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। किसान इसे सरकारी केंद्रों पर बेचेंगे, जहां हर किसान को इसका सही दाम मिलेगा। डीएम स्वाति एस भदौरिया की पहल पर उत्तराखंड राज्य सहकारी संघ के अंतर्गत जिले में सरकारी समितियों का गठन किया गया है। जिले में गठित सरकारी समितियों के माध्यम से किसानों से उचित मूल्य पर मंडुवा और झंगोरा खरीदा जाएगा।
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इन उत्पादों की खरीद के लिए उत्तराखंड राज्य सहकारी संघ ने चमोली जिले में पांच क्रय केंद्र खोले हैं। जहां किसान उत्पादित मंडुवा और झंगोरा बेच सकते हैं। केंद्र कौन-कौन से क्षेत्रों में स्थापित हैं, ये भी नोट कर लें। चमोली जिले में नारायणबगड़, गैरसैंण, थराली में क्रय केंद्र खोले गए हैं। इसके अलावा दशोली ब्लॉक के छिनका और कर्णप्रयाग ब्लॉक के ढुंगल्वाली में भी क्रय केंद्र स्थापित किया गया है। सरकारी संघ ने मंडुवा और झंगोरा खरीद के लिए दरें भी निर्धारित की हैं। डीएम स्वाति एस भदौरिया ने बताया कि क्रय केंद्र खुलने से क्षेत्र के किसानों को कई फायदे होंगे। उन्हें अपनी फसल की बिक्री के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। वो इसे क्रय केंद्र पर बेच सकते हैं। जिससे जिले के दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों के किसानों को मंडुवा और झंगोरे का उचित मूल्य मिलेगा।