उत्तराखंड: 7 साल की बच्ची पर झपटा आदमखओर गुलदार, मां की वजह से बची जान
भिकियासैंण के पनपौला गांव में गुलदार एक 7 साल की बच्ची पर झपट पड़ा। शुक्र है कि घटना के वक्त बच्ची अकेली नहीं थी, उसकी मां भी उसके साथ मौजूद थी। आगे पढ़िए पूरी खबर
Oct 2 2020 9:44PM, Writer:Komal Negi
कोरोना संकट के बीच उत्तराखंड के पर्वतीय इलाके एक और समस्या से जूझ रहे हैं। इस समस्या की वजह हैं नरभक्षी गुलदार। गढ़वाल से लेकर कुमाऊं तक ऐसा कोई जिला नहीं, जहां गुलदार के हमले की घटनाएं ना हो रही हों। लोग अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर डरे हुए हैं। गुलदार के हमले का ताजा मामला अल्मोड़ा में सामने आया। यहां भिकियासैंण के पनपौला गांव में गुलदार एक 7 साल की बच्ची पर झपट पड़ा। शुक्र है कि घटना के वक्त बच्ची अकेली नहीं थी, उसकी मां भी उसके साथ मौजूद थी। मां के शोर मचाने पर गुलदार बच्ची को छोड़कर भाग गया। गुलदार के हमले में बच्ची की पीठ और कमर पर नाखून के गहरे निशान आये हैं। कुछ दिन पहले अल्मोड़ा के बाड़ीकोट वार्ड में आदमखोर गुलदार ने एक बच्ची को मार डाला था। आदमखोर का खौफ अभी खत्म भी नहीं हुआ था कि अब पनपौला में भी इसी तरह की घटना सामने आई है। गुरुवार को वार्ड नंबर चार में रहने वाले भूपेंद्र सिंह नेगी की पत्नी तुलसी देवी खेत से घर को लौट रही थी। तभी झाड़ियों में छिपा गुलदार तुलसी की 7 साल की बेटी दीपिका पर झपट पड़ा। आगे पढ़िए
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दीपिका की पीठ और कमर पर गुलदार के पंजे के निशान लग गए। साथ में मौजूद मां के चीखपुकार मचाने के बाद गुलदार जंगल की तरफ भाग गया। बाद में घायल बच्ची को परिजन इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लेकर गए। अंदेशा है कि ये वही नरभक्षी गुलदार हो सकता है, जिसने 19 सितंबर को बाड़ीकोट में घर के पास खेल रही 7 वर्षीय दिव्या का अपना निवाला बना लिया था। गुलदार को मारने के लिए शूटर बुलवाए गए हैं, लेकिन अभी तक आदमखोर को ढेर नहीं किया जा सका है। बाड़ीकोट से पनपौला गांव डेढ़ किमी दूर है। ऐसे में क्षेत्रवासियों को आशंका है कि यह वही नरभक्षी गुलदार हो सकता है। वहीं वन क्षेत्राधिकारी का कहना है कि चंथरिया और रानीखेत रेंज की परिधि में गुलदारों का परिवार बढ़ गया है। ऐसे में दावा नहीं किया जा सकता कि क्षेत्र में एक ही गुलदार सक्रिय है। बाड़ीकोट के बाद पनपौला गांव में गुलदार के हमले की घटना के बाद लोग डरे हुए हैं।