उत्तराखंड में पारम्परिक माटी कला को मिलेगा बल, कुम्हारों को बांटे गए इलेक्ट्रिक चाक
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने देहरादून स्थित माटी कला बोर्ड में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के अन्तर्गत कुम्हारों को बिजली से चलने वाले चाक वितरित किए।
Oct 4 2020 5:26PM, Writer:Komal Negi
देहरादून: मुख्यमंत्री स्वरोजगार से योजना के तहत उत्तराखंड में पारम्परिक माटी कला और उससे जुड़े कारीगरों को बल मिल रहा है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने देहरादून स्थित माटी कला बोर्ड में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के अन्तर्गत कुम्हारों को बिजली से चलने वाले चाक वितरित किए। सीएम ने कहा कि माटी कला के लिए प्रदेश में एक प्रशिक्षण केन्द्र खोला जायेगा। मुख्यमंत्री ने माटी के कलाकारों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि माटी कला बोर्ड को मिट्टी गूंथने वाली 200 मशीनें जल्द दी जायेंगी। सीएम ने मिट्टी के कार्यों से जुड़े शिल्पकारों का एक डाटा बेस बनाने के निर्देश दिए। सीएम त्रिवेंद्र ने कहा कि ऐसे स्थान चिन्हित किये जाय जहां पर इस शिल्प पर आधारित कार्य अधिक हो रहे हैं एवं मिट्टी के उपकरण बनाने के लिए उपयुक्त मिट्टी वाले स्थानों को चिन्हित करना जरूरी है। सीएम त्रिवेन्द्र ने कहा कि तकनीक के साथ इस शिल्प को कैसे और उभारा जा सकता है, इस दिशा में प्रयासों की जरूरत है। युवा पीढ़ी आधुनिक तकनीक के कार्यों के महत्व को जानती है। हमें अपनी विशेषज्ञता वाले कार्यों से अपनी पहचान को बढ़ाना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्लास्टिक प्रतिबंधित होने से मिट्टी के उपकरणों की डिमांड बढ़ी है। त्योहारों का सीजन और उसके बाद हरिद्वार कुंभ में मिट्टी के उपकरणों की डिमांड बहुत तेजी से बढ़ेगी। बाजार की मांग के हिसाब से पूर्ति की व्यवस्था हो। उन्होंने कहा कि सरकारी कार्यालयों में भी मिट्टी के उपकरणों एवं गमलों के इस्तेमाल के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा।
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