केदारनाथ में हेलीकॉप्टर चलाने वाले ध्यान दें, जारी हुआ सख्त नियम..तोड़ने पर होगी कार्रवाई
केदारनाथ वन प्रभाग ने वन्य जीवन को देखते हुए केदारनाथ में श्रध्दालुओं को सेवा प्रदान करने वाली सभी हेली कंपनियों को निश्चित ऊंचाई पर ही हेलीकॉप्टर की उड़ान भरने के निर्देश दिए हैं।
Oct 20 2020 5:45PM, Writer:Komal Negi
उत्तराखंड में अनलॉक-5 की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। केदारनाथ की बात करें तो अनलॉक-5 में ढील देने के बाद प्रदेश में केदारनाथ धाम की यात्रा एक बार फिर से रफ्तार पकड़ चुकी है। केदारनाथ यात्रा को लेकर यात्रियों के बीच में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। जबसे सरकार ने सभी पाबंदियों को हटा दिया है तब से लेकर केदारनाथ धाम में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती नजर आ रही है। अब तक सैकड़ों श्रद्धालु केदारनाथ धाम के दर्शन कर चुके हैं। वहीं बीते 10 अक्टूबर के बाद से ही केदारनाथ धाम में भीड़ और अधिक उमड़ पड़ी है। यह तो सब जानते ही होंगे कि बीते 10 अक्टूबर से केदारनाथ धाम में प्रशासन ने हेली सेवा के संचालन को अनुमति दे दी है। हेली सेवा ने लोगों की यात्रा और अधिक सुगम बना दिया है। मगर इसी बीच एक और जरूरी पहलू है जिसकी तरफ ध्यान देने की सख्त जरूरत है। हेली सेवा के संचालन के दौरान वन्य जीवों का जीवन काफी अधिक प्रभावित होता है। इसी को देखते हुए केदारनाथ वन प्रभाग ने सभी हेली कंपनियों के लिए एक सख्त नियम जारी किया है।
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केदारनाथ वन प्रभाग ने अब हेलीकॉप्टरों की उड़ान को लेकर सख्त गाइडलाइंस जारी कर दी हैं। हेलीकॉप्टर में कोविड के नियमों का पालन तो होगा ही मगर इसी के साथ अब सभी हेलीकॉप्टरों को एक निर्धारित ऊंचाई पर उड़ने के भी आदेश दे दिए हैं। वन प्रभाग में हेली सेवा देने वाली सभी 8 कंपनियों को हेलीकॉप्टर की उड़ान को लेकर गाइडलाइन का पालन करने के भी सख्त निर्देश दिए हैं। हेलीकॉप्टर कंपनियों को केदारनाथ वन प्रभाग ने यह स्पष्ट रूप से निर्देश दिए हैं कि 600 मीटर की ऊंचाई पर ही हेलीकॉप्टर की उड़ानें भरी जाएगी। अगर 600 मीटर से नीचे हेलीकॉप्टर की उड़ान भरी तो संबंधित कंपनियों के खिलाफ वाइल्ड लाइफ एक्ट के तहत कार्यवाही की जाएगी और इसी के साथ प्रशासन को भी अवगत कराया जाएगा। धाम की केदारनाथ घाटी में सेवाएं दे रहीं कुल 8 हैली कंपनियों को जमीन से 600 मीटर और उससे अधिक ऊंचाई पर ही उड़ान भरने के लिए नई गाइडलाइन जारी कर दी है। आगे पढ़िए
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गाइडलाइन के तहत सभी हैली कंपनियां 600 मीटर से अधिक ऊंचाई पर ही अपनी हेलीकॉप्टरों की उड़ान भरेगी। अगर 600 मीटर से नीचे कोई भी हेली सेवा उड़ान भरता नजर आया तो उसके खिलाफ वाइल्डलाइफ एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। ऐसा इसलिए क्योंकि हेलीकॉप्टर की आवाज से वन्यजीवों को काफी अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अगर हेलीकॉप्टर कम ऊंचाई पर उड़ेंगे तो वन्यजीव इससे परेशान हो जाएंगे और उनका जीवन भी प्रभावित होता है। केदारनाथ डीएफओ अमित तंवर ने बताया कि हेली सेवाओं की अधिक आवाजाही से केदारनाथ घाटी में बने जीव काफी प्रभावित होते हैं। अगर हेलीकॉप्टर 600 मीटर से नीचे उड़ान भरेगा तो वहां रहने वाले वन्य जीवों का जीवन भी काफी अधिक प्रभावित होगा। प्रकृति और मानव के बीच में एक हेल्थी स्पेस देना बेहद जरूरी है। मानवीय दखलअंदाजी से प्रकृति को किसी प्रकार का नुकसान न हो इसी को मध्य नजर रखते हुए केदारनाथ धाम में 600 मीटर और उससे अधिक ऊंचाई पर ही हेली सेवाओं को संचालित करने का आदेश दिया गया है।