image: Pauri Garhwal Bamoli Village Self-Employment

गढ़वाल:लॉकडाउन में नौकरी गई, गांव लौटकर गोबर से शुरू किया स्वरोजगार..अब अच्छी कमाई

गढ़वाल की ग्राम सभा बमोली गांव के 4 युवाओं ने गाय के गोबर से स्वरोजगार का ऐसा आइडिया खोज निकाला है जिसको सुनकर आप भी चौंक जाएंगे।
Oct 27 2020 1:04PM, Writer:Komal Negi

यह सत्य है कि अगर कुछ कर दिखाने का जज्बा दिल में मौजूद हो तो कुछ भी असंभव नहीं है। अब देखिए न, कोरोना काल में कितने ही युवा बेरोजगार होकर अपने अपने गांव लौट आए हैं। कई लोग अपनी-अपनी किस्मत को कोस रहे हैं तो कई लोग कर्म के ऊपर भरोसा रख कर स्वरोजगार के मौके तलाश रहे हैं और उनको मिलने वाले अवसरों को भी हाथ से जाने नहीं दे रहे हैं। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है पौड़ी के महत्वाकांक्षी युवाओं ने। हम बात करें हैं विजेंद्र, संदीप, संतोष और मनीष की। इन चारों की भी कोरोना काल मे नौकरी चली गई और नौकरी से हाथ धोने के बाद चारों अपने गांव वापस लौट आए। सामने रोजगार की चिंता थी और नौकरी नहीं थी। इसके बावजूद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अपने गांव में गोबर के ढेरों में अपनी आर्थिकी का जुगाड़ ढूंढ लिया। जी हां, अब ये युवा गोबर के दीए बनाकर उनसे अपना घर चला रहे हैं। वे गोबर के दिए बनाकर इससे अच्छी खासी आय कमा रहे हैं।

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पौड़ी गढ़वाल के प्रखंड द्वारीखाल की बड़ी ग्राम सभाओं में शामिल है ग्राम सभा बमोली। बता दें कि इस गांव में तकरीबन 1200 से भी अधिक आबादी है और इसी गांव के निवासी हैं यह सभी युवक। विजेंद्र रावत लॉकडाउन से पहले हरिद्वार में नौकरी करते थे। संदीप भी वहां हिमाचल में नौकरी करते थे और मनीष और संतोष दिल्ली में नौकरी करते थे। लॉकडाउन हुआ तो चारों अपनी नौकरियों से हाथ धो बैठे और चारों वापस घर लौट आए। चारों युवाओं को खेती-बाड़ी का कोई अनुभव नहीं था। घर भी चलाना था और सामने रोजगार की एक बड़ी समस्या थी। मगर चारों ने हार नहीं मानी और उन्होंने गाय के गोबर में अपनी आर्थिकी का बंदोबस्त कर लिया। अब गाय का गोबर उनके लिए अमृत का काम कर रहा है और उसी से उनका परिवार चल रहा है। सतपुली की निवासी नीलम सिंह नेगी ने युवाओं को प्रोत्साहित किया और ग्राम प्रधान विनीता रावत के सहयोग से इन युवाओं ने नीलम सिंह नेगी से गोबर के दीए बनाने का प्रशिक्षण लिया और गांव में ही अब वे चारों दीए बना रहे हैं।

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ग्राम प्रधान विनीता बताती हैं कि चारों युवक स्वरोजगार की एक अनोखी मिसाल पेश की है। 100 परिवारों वाली इस ग्राम सभा में हर घर में तकरीबन 2 से 3 गाय हैं। ऐसे में गांव में गोबर की कमी बिल्कुल नहीं है। युवकों बने बताया कि इन दिनों नीलम सिंह नेगी ने ही इन युवकों को दीपक के ऑर्डर दिए हैं और अब वे उन्हीं के लिए दीपक बना रहे हैं। जैसे-जैसे दिवाली का त्योहार नजदीक आ रहा है वैसे-वैसे उनका यह स्वरोजगार का आइडिया तरक्की कर रहा है। नीलम नेगी के बाद उनको कोटद्वार से भी दीपक के आर्डर आ रहे हैं और चारों दीए बनाने में व्यस्त हो रखे हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें यह कारोबार शुरू किए हुए 1 सप्ताह से भी कम समय हुआ है और इस सप्ताह में वह 2000 दियों की सप्लाई कर चुके हैं जबकि तीन हजार दिए अगले 1 से 2 दिनों में भेज दिए जाएंगे। बता दें कि दिवाली नजदीक है। ऐसे में चारों मेहनती युवाओं का यह गोबर के दीए बनाने का काम जोरों-शोरों से चल रहा है।


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