केदारनाथ, यमुनोत्री, नैनीताल, मसूरी तक बनेंगे रोपवे..चंद मिनट में पूरा होगा घंटों का सफर
जल्द ही नैनीताल जिले समेत मसूरी, केदारनाथ, हेमकुंड साहिब और यमुनोत्री में आने वाले पर्यटकों को रोपवे की सौगात देने जा रही है। यह सीएम द्वारा की गई बड़ी घोषणा है
Oct 27 2020 7:48PM, Writer:Komal Negi
उत्तराखंड का नैनीताल जिला..... मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का 1 दिन का दौरा नैनीताल जिले के लिए एक नई सौगात लेकर आया है। बता दें कि सीएम रावत ने बीते सोमवार को नैनी झील में यूएनडीपी द्वारा स्थापित एक करोड़ की झील मॉनिटरिंग मशीन का लोकार्पण किया और इसी के साथ उन्होंने नैनीताल में रोपवे बनाने की बड़ी घोषणा की। वहीं उन्होंने लोगों से स्थानीय बोली, भाषा और स्थानीय खानपान को बढ़ावा देने की अपील की। सीएम ने कहा कि राज्य सरकार स्थानीय बोली भाषा और खानपान को बढ़ावा देने के लिए पूरी तरह से प्रयास कर रही है। इसमें लोगों के साथ की जरूरत है। इसी दौरान उन्होंने कहा कि जल्द ही नैनीताल समेत कई जगहों पर रोपवे का निर्माण शुरू हो जाएगा। बता दें कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बीते सोमवार को नैनी झील में यूएनडीपी द्वारा स्थापित 1 करोड़ रुपए की लागत की झील मॉनिटरिंग मशीन का लोकार्पण किया और इसी के साथ नैनीताल के लोगों के लिए एक मुख्य घोषणा भी की।
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नैनीताल के दौरे के दौरान लोकार्पण कार्यक्रम में सीएम त्रिवेंद्र रावत द्वारा की गई बड़ी घोषणा से वहां मौजूद सभी के चेहरों के ऊपर खुशी छा गई। सीएम रावत ने कहा कि राज्य सरकार जल्द ही नैनीताल जिले समेत मसूरी, केदारनाथ हेमकुंड साहिब और यमुनोत्री तक आने वाले पर्यटकों को रोपवे की सौगात देने जा रही है। यह वाकई सीएम द्वारा करी गई एक बड़ी घोषणा है। इससे न केवल पर्यटन की संभावनाएं बढ़ेंगी बल्कि आर्थिकी भी मजबूत होगी। सीएम ने कहा कि रोपवे के निर्माण के लिए सरकार द्वारा सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं और जल्द ही नैनीताल समेत इन सभी जगहों पर रोपवे का निर्माण शुरू हो जाएगा जिससे इन सभी स्थानों पर आने वाले पर्यटकों को काफी राहत मिलेगी। आगे पढ़िए इस रोपवे प्रोजक्ट की कुछ खास बातें
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केवल रोपवे पर ही नहीं बल्कि त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दौरे के दौरान नैनीताल की स्वास्थ्य सेवाओं को भी एक बड़ी सौगात देने का वादा करते हुए कहा कि जल्दी ही नैनीताल के ब्रिटिश कालीन रैमजे अस्पताल को पीपीपी मोड में देने का प्रयास सरकार कर रही है जिससे स्थानीय लोगों के साथ-साथ यहां आने वाले पर्यटकों को भी स्वास्थ्य लाभ मिल सकेगा। साथ ही में चीड़ के पेड़ से निकलने वाले पिरूल से बिजली और ईंधन बनाने की तरफ बढ़ें जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिले। उत्तराखंड के जंगलों में पिरूल की बेतहाशा उपलब्धता है। इसको ठीक तरह से उपयोग करने पर उत्तराखंड के तकरीबन 40 हजार से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सकेगा। वहीं लोकार्पण कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने स्थानीय लोगों से अपील की है कि वह नैनीताल में पर्यटन को बढ़ाने के लिए अपनी बोली, भाषा का प्रचार करें। इससे पर्यटन तो बढ़ेगा ही। वहीं उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में पर्यटन को बढ़ाने के लिए अब तक 22 होमस्टे का पंजीकरण भी किया जा चुका है और यह आगे भी जारी रहेगा।