उत्तराखंड में भी EVM पर सियासी घमासान, बिहार चुनाव का असर पहाड़ तक..पढ़िए पूरी खबर
बिहार चुनाव के परिणाम मीडिया संस्थानों के एग्जिट पोल से उलट आए हैं। ऐसे में विरोधियों को चुनाव का रिजल्ट पच नहीं रहा। उत्तराखंड में भी विपक्षियों को इसमें साजिश की बू आ रही है।
Nov 12 2020 1:35PM, Writer:Komal Negi
बिहार विधानसभा चुनाव में कांटे की लड़ाई में एनडीए की जीत से बीजेपी उत्साहित है। हालांकि एग्जिट पोल के विपरीत आए नतीजे विपक्षी पार्टियों के गले नहीं उतर रहे। बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों से उत्तराखंड की विपक्षी पार्टियां भी हैरान हैं। हमेशा की तरह इस बार भी ईवीएम को लेकर सवाल उठ रहे हैं। सवाल इसलिए भी उठ रहे हैं क्योंकि साल 2022 में उत्तराखंड में भी विधानसभा चुनाव होने हैं। बिहार चुनाव के परिणाम मीडिया संस्थानों के एग्जिट पोल से उलट आए हैं। ऐसे में विरोधियों को बिहार चुनाव का रिजल्ट पच नहीं रहा है। बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों से एनडीए खेमे में खुशी की लहर है तो विरोधियों को इसमें साजिश की बू आ रही है। बिहार को छोड़िए उत्तराखंड के विपक्षी नेता भी ईवीएम में खामी होने का दावा कर रहे हैं। बिहार चुनाव के नतीजों के बाद उत्तराखंड की सियासत में एक बार फिर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन चर्चा में है। आगे पढ़िए
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बिहार इलेक्शन रिजल्ट को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने क्या कहा, ये भी बताते हैं। वो कहते हैं, विधानसभा चुनाव में हमने टीवी पर देखा कि महागठबंधन की रैलियों में भीड़ उमड़ रही थी। इसके विपरीत पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी नेताओं की रैलियों से भीड़ गायब थी। एग्जिट पोल ने भी नतीजे दिए थे, लेकिन रुझान इससे एकदम अलग हैं, इसलिए संदेह करना तो बनता है। जिस आत्मविश्वास के साथ बीजेपी नेता अमित शाह ने बिहार और पश्चिमी बंगाल के चुनाव में बहुमत लेने का दावा ठोका, हमें उस पर भी संदेह है। वहीं बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने कांग्रेस नेताओं लगाए जा रहे आरोपों को उनकी पीड़ा करार दिया। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत कहते हैं कि चुनाव हारने के बाद कांग्रेस के पास ईवीएम का पुराना बहाना है। कांग्रेस को विचार करना चाहिए कि उत्तराखंड से लेकर बिहार तक आखिर उसकी बुरी गत क्यों हो रही है। दिक्कत ईवीएम में नहीं कांग्रेस की मानसिकता में है।