उत्तराखंड से किसानों का दिल्ली कूच..पुलिस हुई सतर्क
क्षेत्र के किसान दिल्ली में चल रहे आंदोलन में शामिल होने जा रहे थे। तभी पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को सरोली गांव के पास रोक लिया। इस कार्रवाई से नाराज किसानों ने रोड पर जाम लगा दिया।
Dec 2 2020 1:25PM, Writer:Komal Negi
नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। अलग-अलग राज्यों में किसान सड़कों पर उतर कर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उत्तराखंड किसान मोर्चा की मासिक पंचायत में बुधवार को दिल्ली कूच करने का निर्णय लिया गया। साथ ही किसानों से अधिक से अधिक संख्या में दिल्ली पहुंचने का आह्वान किया गया। मंगलवार को प्रशासनिक भवन में आयोजित पंचायत को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी गुलशन रोड़ ने कहा कि दिल्ली में जो आंदोलन चल रहा है, उसमें पूरे देश का किसान एकजुट हो चुका है। इससे पहले भारतीय किसान यूनियन अंबावत गुट के पदाधिकारी दिल्ली में चल रहे आंदोलन में हिस्सा लेने जा रहे थे। इस दौरान रुड़की पुलिस ने उन्हें सरोली गांव के पास रोक लिया। इससे गुस्साए किसानों ने सड़क पर जाम लगा दिया। गुस्साए किसान सड़क जाम कर वहीं धरने पर बैठ गए। रोड जाम की वजह से वाहन चालक भी परेशान हैं। इससे पहले 28 नवंबर को भी रुड़की में भाकियू कार्यकर्ता नारसन बॉर्डर पर पुलिस की घेराबंदी तोड़कर आगे बढ़ गए थे।
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जिसके बाद पुलिस ने यूपी बॉर्डर में दाखिल होकर आंदोलनकारी किसानों को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद गुस्साए किसान नारसन चौकी पर ही धरने पर बैठ गए थे। अब रुड़की में किसानों और पुलिस के बीच एक बार फिर झड़प हो गई। दरअसल भारतीय किसान यूनियन अंबावत गुट के पदाधिकारी दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन में हिस्सा लेने जा रहे थे। प्रदेश अध्यक्ष विकास सैनी के नेतृत्व में बड़ी संख्या में किसानों ने रुड़की से दिल्ली के लिए कूच किया। इस बात की जानकारी जैसे ही झबरेड़ा पुलिस को मिली तो उन्होंने झबरेड़ा-लखनौटा रोड पर घेराबंदी कर दी। पुलिस ने किसानों को आगे बढ़ने से रोक दिया। पुलिस की इस कार्रवाई से गुस्साए किसानों ने रोड पर जाम लगा दिया। किसान वहीं धरने पर बैठ गए। गुस्साए किसानों ने पुलिस पर मनमानी करने का भी आरोप लगाया। किसान नेताओं ने कहा कि वो लोकतांत्रिक तरीके से दिल्ली में चल रहे आंदोलन में शामिल होने के लिए जा रहे हैं, इसके बावजूद पुलिस उन्हें आगे नहीं बढ़ने दे रही। अब उत्तराखंड किसान मोर्चा की मासिक पंचायत में बुधवार को दिल्ली कूच करने का निर्णय लिया गया। साथ ही किसानों से अधिक से अधिक संख्या में दिल्ली पहुंचने का आह्वान किया गया।