पहाड़ का होनहार युवा..गांव में ही लगाया सोलर प्लांट, कई लोगों को मिला रोजगार..कमाई भी अच्छी
कोरोना काल में जब सब के धंधे मंदे पड़े तो आमोद ने सोलर प्लांट से अपने लिए आय का एक नया जरिया स्थापित कर लिया। जो लोग जॉब गंवाकर गांव लौटे, उन्हें भी सोलर प्लांट में काम मिल गया। पढ़िए पूरी खबर
Dec 8 2020 10:59PM, Writer:Komal Negi
आपदा को अवसर में कैसे बदलना है, ये कोई उत्तरकाशी के आमोद पंवार से सीखे। मार्च में जब पूरे देश में लॉकडाउन लगा तब पहाड़ का ये मेहनती युवा सौर ऊर्जा का प्लांट स्थापित करने में व्यस्त था। इस तरह कोरोना काल में जब सब के धंधे मंदे पड़े तो आमोद ने अपने लिए आय का एक नया जरिया स्थापित कर लिया। यही नहीं कोरोना के चलते जॉब गंवाकर जो लोग गांव वापस लौटे, उन्हें भी आमोद के सोलर प्लांट के जरिए रोजगार मिल गया। आमोद यहां 200 किलोवाट बिजली का उत्पादन करते हैं। साथ ही सब्जी उत्पादन, मुर्गी पालन, गाय पालन और मौन पालन भी शुरू कर चुके हैं। खुद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी उनके स्वरोजगार के आधुनिक मॉडल के फैन हैं। सीएम ने भी आमोद के काम को जमकर सराहा। उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से 45 किलोमीटर दूर एक जगह है चिन्यालीसौड़। आमोद पंवार यहीं के इंद्रा टिपरी गांव में रहते हैं। आमोद की 15 नाली जमीन बंजर पड़ी थी। वो इसका इस्तेमाल करना चाहते थे। तब उन्होंने यहां सोलर पॉवर प्लांट लगाने की ठानी। साल 2019 में उन्होंने सौर ऊर्जा योजना के लिए आवेदन किया। योजना को जमीन पर उतारने के लिए 80 लाख रुपये का लोन भी लिया। लॉकडाउन लगने से एक दिन पहले यानी 23 मार्च को आमोद पंवार का 200 किलोवाट का प्लांट ग्रिड से जुड़ा और प्रोडक्शन शुरू हो गया। आगे पढ़िए
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इस तरह लॉकडाउन में जब गांव के युवक अपने घरों को लौट रहे थे, तब आमोद गांव में रहकर ही सोलर प्लांट से अच्छा पैसा कमा रहे थे। सोलर प्लांट स्थापित होने के बाद उन्होंने आसपास की बंजर जमीन को भी उपजाऊ बनाने की ठानी। यहां वो खेती करने लगे। प्लांट के पास गाय पालन, मुर्गी पालन और मौन पालन करने लगे। बीते 30 सितंबर को सीएम त्रिवेंद्र सिह रावत भी आमोद पंवार के सौर ऊर्जा स्वरोजगार के मॉडल को देखने के लिए पहुंचे। उन्होंने आमोद के प्रयास को जमकर सराहा। आमोद बताते हैं कि अब तक प्लांट से सवा दो लाख यूनिट से ज्यादा बिजली का उत्पादन हो चुका है। इस प्लांट से सालाना औसतन तीन लाख यूनिट बिजली का उत्पादन होगा। ये बिजली अगले 25 सालों तक यूपीसीएल खरीदेगा। इस वक्त 4.38 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली की खरीद हो रही है। आमोद कहते हैं कि पहाड़ में सौर ऊर्जा रोजगार का शानदार जरिया बन सकता है। जिनके पास जमीन की कमी है वो 25 किलोवाट का सोलर प्लांट लगा सकते हैं। इसके अलावा पशुपालन, सब्जी उत्पादन और मुर्गी पालन जैसे कई ऑप्शन भी हैं। इनसे युवाओं को अच्छी आमदनी होगी।