उत्तराखंड: 17 साल की उम्र में शुरू की चोरी, 20वें साल तक 13 मुकदमे दर्ज..अब हुआ गिरफ्तार
20 वर्ष की उम्र तक पहुंचते-पहुंचते उसके ऊपर चोरी और मारपीट के 13 मुकदमे दर्ज हो गए। आरोपी को पुलिस ने बीते शुक्रवार गिरफ्तार कर लिया है। आगे पढ़िए पूरी खबर
Dec 12 2020 6:44PM, Writer:Komal Negi
बच्चों को अगर ठीक उम्र में सही राह नहीं दिखाई जाए तो वे राह भटक जाते हैं। वे इस कदर गुमराह हो जाते हैं कि यह उनको खुद ही पता नहीं लगता कि वे किस हद तक जुर्म और अपराध के दलदल में फंसते जा रहे हैं। कई बच्चे ऐसे हैं जो बहुत कम उम्र में महंगे शौक पूरे करने के लिए पैसा कमाने की होड़ में लग जाते हैं और वे पैसा कमाने के ऐसे गैरकानूनी तरीकों को अपनाने लगते हैं जो उनको आरोपी बना देता है। उत्तराखंड के बागेश्वर में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला। शॉर्टकट तरीके से पैसा कमाने और महंगे शौक पूरे करने के लिए एक नाबालिक की जिंदगी पूरी तरह बर्बाद कर दी है और महज 20 वर्ष की उम्र में वो हवालात के पीछे है। जिस उम्र में बच्चे आमतौर पर अपनी कैरियर और अपनी शिक्षा के ऊपर ध्यान दे रहे होते हैं, उस उम्र में बागेश्वर में एक नाबालिग चोरी की घटनाओं को अंजाम दे रहा था। बागेश्वर में महज 17 साल की उम्र में एक बच्चे ने पहले चोरी की और उसके बाद चोरी करने की उसको इस कदर लत लगी कि 20 साल की उम्र तक आते-आते उसके ऊपर 13 मुकदमे दर्ज हो गए और अब चोरी के मामले में पकड़े जाने के बाद उसको अल्मोड़ा के जेल में भेज दिया गया है। आरोपी की पहचान 20 वर्षीय हिमांशु आर्य के रूप में हुई है जो कि ग्राम बनखोला का निवासी है।
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चलिए आपको यह भी बताते हैं हिमांशु आर्य आखिर पुलिस के चंगुल में कैसे फंसा। बागेश्वर में बीते 30 नवंबर को उमेश चंद्र जोशी ने वाहन का शीशा तोड़कर उनका मोबाइल और जरूरी दस्तावेज चोरी होने का मुकदमा कोतवाली में दर्ज करवाया था। उसके बाद 10 दिसंबर को एक बार फिर से नई बस्ती के भूपेंद्र आर्य ने स्कूटी चोरी होने की तहरीर पुलिस मिली थी। क्षेत्र में बढ़ती चोरी की घटनाओं को देखते हुए पुलिस से चिंतित हो उठी और पुलिस ने चोरी की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए एक टीम गठित की और उसके बाद पुलिस ने क्षेत्र में नजर रखना शुरू किया। आखिरकार बुधवार को भागीरथी के बाईपास के पास 20 वर्षीय हिमांशु आर्य को गिरफ्तार कर लिया गया है। सख्ती से पूछताछ में उसने पिछले सभी जुर्म कबूले हैं। पुलिस यह जानकर हैरान हो गई कि महज 20 साल के युवक के ऊपर 13 चोरी के मुकदमे दर्ज हुए हैं।
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2017 में हिमांशु 17 वर्ष का था तब उसके ऊपर चोरी लूटपाट मारपीट के चार मुकदमे दर्ज हुए थे। 2018 में चोरी और लूटपाट का एक मुकदमा दर्ज हुआ था। 2019 में गुंडा एक्ट का एक मुकदमा दर्ज हुआ था और 2020 में चोरी लूटपाट आदि के 7 मुकदमे हिमांशु के ऊपर दर्ज हैं। चोरी किए गए स्कूटी और मोबाइल समेत अन्य सामान हिमांशु से भागीरथी बाईपास के पास मौके से बरामद कर लिए गए हैं और हिमांशु को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। महज 17 वर्ष की उम्र में हिमांशु आर्य ने अपनी पहली चोरी की थी और अब वो 20 वर्ष का है। 3 सालों में हिमांशु ने कई चोरियां कर ली हैं और उसके ऊपर 13 से भी अधिक मुकदमे दर्ज हो गए हैं। हैरानी की बात यह है कि गुंडा एक्ट लगने के बावजूद भी हिमांशु ने 7 बार चोरी की वारदात की। 2019 में जब हिमांशु 19 साल का था उसके ऊपर गुंडा एक्ट लगाया गया था। उसके बावजूद भी उसके अंदर कोई भी सुधार नहीं आया। गुंडा एक्ट लगने के 1 साल के अंदर हिमांशु ने 7 बार अपराधिक गतिविधियों को अंजाम दिया और उसके ऊपर चोरी लूटपाट एवं मारपीट के मुकदमे कोतवाली में दर्ज हुए हैं।