उत्तराखंड: पहाड़ के दुर्गम क्षेत्रों में ड्रोन से पहुंचेगी कोरोना वैक्सीन..हो रहा है ट्रायल
इन दिनों ड्रोन के जरिए दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों तक वैक्सीन पहुंचाने का ट्रायल किया जा रहा है। प्रैक्टिस के तहत नवंबर में पहला ट्रायल हुआ था। आगे पढ़िए पूरी खबर
Dec 17 2020 12:10PM, Writer:Komal Negi
कोरोना की वैक्सीन अभी आई नहीं है, लेकिन उम्मीद है कि नए साल की शुरुआत तक वैक्सीन मिल जाएगी। केंद्र के निर्देश पर वैक्सीनेशन की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। उत्तराखंड में भी कोल्ड चेन सेंटर समेत दूसरे सभी इंतजाम चाक-चौबंद किए जा रहे हैं। पहले चरण में जिन लोगों को कोरोना की वैक्सीन लगनी है, उनकी लिस्ट भी केंद्र को भेज दी गई है। बात करें उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों की तो यहां ड्रोन के जरिए कोरोना वैक्सीन पहुंचाई जाएगी। इन दिनों ड्रोन के जरिए दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों तक वैक्सीन पहुंचाने का ट्रायल किया जा रहा है। प्रैक्टिस के तहत नवंबर में पहला ट्रायल हुआ था।
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उस वक्त फिक्स्ड विंग ड्रोन के जरिए एक आइस बॉक्स में मेडिसीन बॉक्स रखकर इसे देहरादून से मसूरी भेजा गया था। जिसमें एक घंटे का वक्त लगा था। इस तरह उत्तराखंड के दुर्गम इलाकों में ड्रोन से वैक्सीन भेजना एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। इससे समय और ऊर्जा दोनों की बचत होगी। पिछले साल जून में भी एक अनमैन्ड एरियर व्हीकल यानि यूएवी के जरिए टिहरी के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से करीब 36 किमी दूर ब्लड सैंपल भेजे गए थे। जिसमें सिर्फ 18 मिनट लगे थे। आमतौर पर रोड से ये रास्ता तय करने में 70 से 100 मिनट का समय लगता है।
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उत्तराखंड ड्रोन ऐप्लिकेशन एंड रिसर्च सेंटर डीएआरसी के डायरेक्टर अमित सिन्हा ने बताया कि दुर्गम इलाकों में वैक्सीन पहुंचाना हमारा पहला लक्ष्य है। यह वैक्सीन को डिलिवर करने का प्रभावी तरीका है, जिससे समय की बचत होगी। फिलहाल हम वैक्सीन के लिए टेंपरेचर कंट्रोल करने की दिशा में काम कर रहे हैं। इसके लिए एक्सपर्ट से टेक्निकल गाइडेंस ली जा रही है। प्रोसेस शुरू करने से पहले राज्य को डीजीसीए से अनुमति लेनी होगी। उसके बाद ही योजना को धरातल पर उतार पाना संभव हो सकेगा। आपको बता दें कि उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग ने अपने 94,000 हेल्थ वर्कर की लिस्ट केंद्र को भेजी है। जिनमें डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ, आशा वर्कर और दूसरे स्वास्थ्यकर्मी शामिल हैं। कोरोना की वैक्सीन सबसे पहले इन्हें ही लगाई जाएगी।