गढवाल: कड़ाके की ठंड में दो बच्चियों संग फुटपाथ पर दिन काट रही महिला..प्रशासन बेखबर
मानसिक रूप से विक्षिप्त महिला अपनी दो छोटी बच्चियों के साथ फुटपाथ पर रह रही है। जमाना खराब है, ऐसे में अगर बच्चियों के साथ कोई अनहोनी हो जाती है तो कौन जिम्मेदार होगा?
Dec 26 2020 11:16AM, Writer:Komal Negi
कड़ाके की ठंड, सुन्न होते हाथ-पैर, कभी बारिश तो कभी बर्फबारी। ऐसे में अगर आपके पास सिर छुपाने को छत और ओढ़ने को गर्म कपड़े हैं तो खुद को खुशनसीब मानिए, क्योंकि हमारे आस-पास ऐसे कई बदनसीब हैं। जिन्हें ये सब भी मयस्सर नहीं। अब जोशीमठ के नगर क्षेत्र में ही देख लें। यहां मानसिक रूप से बीमार महिला अपने दो छोटे-छोटे बच्चों के साथ फुटपाथ पर रह रही है। रहने को छत नहीं है, ओढ़ने को कपड़े नहीं हैं। इन्हें देखकर लोगों का दिल पसीजता है, वो कई बार प्रशासन से इन की सुध लेने की गुहार भी लगा चुके हैं, लेकिन प्रशासन ने इनकी अब तक सुध नहीं ली।
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ये महिला अपनी दो छोटी बच्चियों के साथ पिछले दो साल से शहर में रह रही है। एक बच्ची की उम्र 4 साल है तो दूसरी 6 साल की है। जमाना कितना खराब है, आप जानते ही हैं। ऐसे में गरीब बेसहारा बच्चियों के साथ कभी कोई अनहोनी हो जाए तो कौन जिम्मेदार होगा। ये महिला बद्रीनाथ टैक्सी स्टैंड पर पार्किंग के नीचे बनी दुकानों के बीच में रहती है। कड़ाके की ठंड हो या आसमान से बरसता पानी। महिला और उसकी दो मासूम बच्चियों के लिए यही फुटपाथ उनका घर है। जोशीमठ के सामाजिक कार्यकर्ता वैभव सकलानी ने बताया कि इस संबंध में उप जिलाधिकारी जोशीमठ को पत्र भेजा गया था। डीएम चमोली को भी इस संबंध में बताया गया था, लेकिन अभी तक प्रशासन की तरफ से इनकी कोई मदद नहीं की गई।
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महिला मानसिक रूप से विक्षिप्त है। वो कहां की रहने वाली है, शहर में कैसे पहुंची, इस बारे में फिलहाल कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। जोशीमठ में इन दिनों कड़ाके की ठंड पड़ रही है। ऐसे में मां और उसकी बच्चियों का जीवन खतरे में है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से महिला और उसकी बच्चियों को आसरा देने की गुहार लगाई, ताकि वो सुरक्षित रह सकें। राज्य समीक्षा भी सरकार-प्रशासन से अपील करता है कि इन बच्चियों की सुध लें। बच्चियों को आवास और सुरक्षा मुहैया कराएं, उनकी शिक्षा का इंतजाम करें, ताकि उनका भविष्य उज्जवल हो सके। उन्हें फुटपाथ पर जिंदगी ना बितानी पड़े।