उत्तराखंड विधानसभा चुनाव: कांग्रेस ने बनाया ‘त्रिमूर्ति फॉर्मूला’, किया जीत का दावा
अगले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी किसी एक नेता को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित कर चुनाव मैदान में नहीं उतारेगी, बल्कि सामूहिक नेतृत्व संग बीजेपी का मुकाबला करेगी।
Jan 11 2021 3:28PM, Writer:Komal Negi
नया साल शुरू होते ही कांग्रेस मिशन-2022 में जुट गई है। अगले साल उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव होने हैं। बीजेपी ने पहले से ही गतिविधियां तेज कर दी हैं। अब कांग्रेस के नेता भी अपने आपसी मतभेद भूल चुनाव की तैयारी में जुटे हैं। प्रदेश में बीजेपी को पटखनी देने के लिए कांग्रेस ने खास ‘त्रिमूर्ति फॉर्मूला’ तय कर दिया है। इसका मतलब ये है कि अगले विधानसभा चुनाव में पार्टी किसी एक नेता को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित कर चुनाव मैदान में नहीं उतारेगी, बल्कि सामूहिक नेतृत्व संग बीजेपी का मुकाबला करेगी। अगला विधानसभा चुनाव पार्टी प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के नेतृत्व, नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश के आशीर्वाद और पूर्व सीएम हरीश रावत की रणनीति के आधार पर लड़ेगी। कांग्रेस पार्टी हाईकमान ने उत्तराखंड में पार्टी के लिए चुनावी फॉर्मूला तय कर दिया है। इसकी जरूरत क्यों पड़ी, ये भी बताते हैं। दरअसल विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच कांग्रेस में पूर्व सीएम हरीश रावत और प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के समर्थकों के बीच घमासान मचा है। प्रीतम कैंप ने जहां उन्हें अगला मुख्यमंत्री घोषित कर दिया है, तो वहीं हरदा के समर्थक चाहते हैं कि चुनाव उनके नेतृत्व में लड़ा जाए। आगे पढ़िए
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दोनों के समर्थक पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। हालांकि हरदा और प्रीतम ने इसे लेकर कुछ नहीं कहा है। दोनों के बीच होने वाले टकराव को टालने के लिए पार्टी हाईकमान अब सामूहिक नेतृत्व के साथ चुनाव मैदान में उतरने की बात कह रहा है। प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी का रुख साफ कर दिया है। उन्होंने कहा कि हरदा और प्रीतम दोनों ही वरिष्ठ नेता हैं। पार्टी सामूहिक नेतृत्व के साथ चुनाव मैदान में उतरेगी। कांग्रेस नेताओं ने किसी दूसरे दल के साथ मिलकर लड़ने से दो टूक इनकार किया है। मीडिया से हुई बातचीत के दौरान कांग्रेस नेताओं ने आम आदमी पार्टी पर भी तंज कसे। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी ने कहा कि आम आदमी पार्टी इवेंट मैनेजमेंट की कुछ कंपनियों के जरिए खुद को स्थापित करने की कोशिश कर रही है, लेकिन सफल नहीं होगी। आप ने दिल्ली से बाहर कई राज्यों में यही प्रयास किया, लेकिन असफल रही। उत्तराखंड के लिए आम आदमी पार्टी के पास कोई सोच नहीं है।