उत्तराखंड: छात्रवृत्ति का इंतजार कर रहे छात्रों को बड़ी राहत, कैबिनेट मीटिंग में 8.15 करोड़ का बजट जारी
कैबिनेट बैठक में छात्रवृत्ति के लिए राज्य के बजट से आठ करोड़ 15 लाख 34 हजार रुपये जारी करने का निर्णय लिया गया। राज्य सरकार के इस फैसले से प्रदेश के 42 हजार से ज्यादा छात्र लाभान्वित होंगे।
Jan 23 2021 3:28PM, Writer:Komal Negi
पिछले दो साल से छात्रवृत्ति का इंतजार कर रहे अनुसूचित जाति और ओबीसी के छात्रों का इंतजार जल्द ही खत्म होने वाला है। राज्य सरकार ने छात्रों को बड़ी राहत देने का ऐलान करते हुए छात्रवृत्ति के लिए 8 करोड़ का बजट जारी करने का फैसला लिया है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में कैबिनेट मीटिंग हुई। जिसमें उत्तराखंड समाज कल्याण विभाग की छात्रवृत्ति योजना के तहत कक्षा 9 तक अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों को छात्रवृत्ति देने के लिए बजट जारी करने का फैसला लिया गया। प्रस्ताव के तहत राज्य के बजट से आठ करोड़ 15 लाख 34 हजार रुपये जारी करने का निर्णय लिया गया।
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राज्य सरकार के इस फैसले से प्रदेश के 42 हजार से अधिक छात्र लाभान्वित होंगे। अब राज्य सरकार अपने बजट से इन छात्रों को छात्रवृत्ति देगी। बैठक में कुल 16 प्रस्ताव आए, जिनमें से 15 पर निर्णय हुआ, जबकि एक प्रस्ताव स्थगित हुआ। मीटिंग में उत्तर प्रदेश राज्य के लिए आवंटित कर्मचारियों को लेकर भी बड़ा फैसला हुआ है। शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने बताया कि उत्तर प्रदेश राज्य के लिए आवंटित ऐसे कर्मचारी जो लंबे समय से उत्तराखंड में कार्यरत हैं, उन्हें यह लिखकर देना होगा कि वे उत्तराखंड कैडर में रहना चाहते हैं। ऐसे कर्मचारी प्रदेश में काम कर सकेंगे, लेकिन वरिष्ठता सूची में उन्हें उत्तराखंड मूल संवर्ग के कर्मचारियों से नीचे रहना होगा। हालांकि इसका असर उनके वेतन या भत्तों पर नहीं पड़ेगा।
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इसके अलावा बैठक में प्रबंधकीय व्यवस्था के तहत सहायता प्राप्त अशासकीय विद्यालयों में पढ़ा रहे 155 संस्कृत शिक्षकों के मानदेय में बढ़ोतरी के प्रस्ताव को स्वीकृति मिल गई। शुक्रवार देर शाम सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के आवास पर मंत्रिमंडल की बैठक हुई। जिसमें 15 बिंदुओं पर चर्चा हुई। मंत्रिमंडल ने समाज कल्याण विभाग की प्री मैट्रिक और पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत छात्रवृत्ति को मंजूरी देने की योजना के नियमों को सरल किया है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश की दो कार्यदायी संस्थाओं उप्र राजकीय निर्माण निगम और उप्र समाज कल्याण निर्माण निगम को उत्तराखंड की सूची से बाहर कर दिया गया। कैबिनेट मीटिंग में हुए फैसले के अनुसार उत्तर प्रदेश के लिए आवंटित कर्मचारियों को समायोजन का अवसर दिया जाएगा। संस्कृत शिक्षकों का मानदेय बढ़ाने के प्रस्ताव को भी स्वीकृति दी गई है।