उत्तराखंड का जांबाज मेजर..सीने पर खाई गोली, फिर भी 3 आतंकियों को मार गिराया
पुलवामा में अदम्य साहस का प्रदर्शन कर तीन आतंकियों को मार गिराने वाले मेजर विनोद कापड़ी को सेना मेडल से नवाजा गया है। मेजर विनोद कापड़ी पिथौरागढ़ के सिरड़ गांव के रहने वाले हैं।
Jan 30 2021 10:15PM, Writer:Komal Negi
उत्तराखंड के जांबाज युद्ध नायकों के शौर्य की कहानियां पूरी दुनिया में मशहूर हैं। यहां के लोगों की देशभक्ति का कोई जवाब नहीं। सेना में बहादुरी दिखाने के मामले में उत्तराखंड का बड़ा नाम है। भारतीय सेना के मेजर विनोद कापड़ी ऐसे ही जांबाज बहादुरों में से एक हैं। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकियों संग हुई मुठभेड़ में मेजर विनोद कापड़ी ने अदम्य साहस का प्रदर्शन किया था। उन्होंने तीन आतंकियों को मार गिराया था। अदम्य साहस का प्रदर्शन करने वाले मेजर विनोद कापड़ी को सेना मेडल से नवाजा गया है। मेजर विनोद कापड़ी पिथौरागढ़ के सिरड़ गांव के रहने वाले हैं। ये गांव जिला मुख्यालय से करीब 20 किमी दूर है।
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सिरड़ गांव के लाल को सेना मेडल जैसा बड़ा सम्मान मिलने से पूरे क्षेत्र में खुशी की लहर है। मेजर विनोद की तीन पीढ़ियां देशसेवा में अपना योगदान दे चुकी हैं। मेजर विनोद के पिता सुभाष चंद्र कापड़ी नौसेना से रिटायर हैं। जबकि दादा भी सीबीआई में इंस्पेक्टर रह चुके हैं। विनोद के छोटे भाई बंगाल इंजीनियरिंग में हैं जबकी चचेरी बहन अनीता कापड़ी भारतीय नौसेना में सर्जन कमांडर के पद पर तैनात है। पिछले साल मेजर विनोद ने 3 आतंकियों को मार गिराया था। घटना 29 अप्रैल की है। उस वक्त मेजर विनोद पुलवामा में 55 राष्ट्रीय राइफल में तैनात थे।
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इस दौरान उन्हें एक गांव में तीन आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली। जिसके बाद मेजर विनोद के नेतृत्व में जवानों ने आतंकियों के खात्मे के लिए ऑपरेशन चलाया। इस दौरान आतंकियों ने खूब फायरिंग की। तब सेना ने भी मुंहतोड़ जवाब देते हुए एक घर के अंदर छिपे तीन आतंकवादियों को मौत के घाट उतार दिया। इस मुठभेड़ में मेजर विनोद को दो गोलियां लगी थीं। उनका लंबे वक्त तक इलाज चला, जिसके बाद अब वह स्वस्थ हो गए हैं। वर्तमान में मेजर विनोद 62 कैबेलरी सूरतगढ़ राजस्थान में तैनात हैं। उनकी बहादुरी के लिए उन्हें सेना मेडल से सम्मानित किया गया है।