image: Story of Chamoli disaster engineer Manish Kumar

चमोली आपदा: सैलाब में लापता हुआ इंजीनियर बेटा..मां को अब भी है फोन का इंतजार

आपदा में अपनों को खो चुके परिजनों का सब्र जवाब देने लगा है, लेकिन बिहार की एक मां अब भी लाडले के लौट आने का इंतजार कर रही है, इंजीनियर मनीष की मां को यकीन है कि उनका बेटा सुरक्षित होगा।
Feb 25 2021 8:11PM, Writer:Komal Negi

7 फरवरी को चमोली में आई जलप्रलय सैकड़ों परिवारों को अपनों से बिछड़ने का दर्द दे गई। आपदा के बाद से सैकड़ों लोग लापता हैं। जिनमें पटना के मनीष कुमार भी शामिल हैं। मनीष कुमार इंजीनियर हैं, उनका परिवार बिहार के पटना स्थित निसरपुरा गांव में रहता है। इंजीनियर मनीष कुमार जोशीमठ के पास एक निजी कंपनी में कार्यरत थे। हादसे के वक्त वो घटनास्थल के पास ही काम कर रहे थे। चमोली में आई आपदा के बाद से लापता लोगों के परिजनों की उम्मीदें जहां दम तोड़ने लगी हैं, तो वहीं मनीष की मां को अब भी यकीन है कि उनका बेटा सही सलामत होगा, और वो जल्द ही फोन करेगा। मां हर वक्त मोबाइल लेकर बैठी रहती हैं। मनीष के परिजनों ने बताया कि 7 फरवरी को देर शाम उत्तराखंड से कंपनी के कर्मचारी ने फोन कर के घरवालों को आपदा की सूचना दी थी। जिसके बाद गांव में कोहराम मच गया।

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इंजीनियर मनीष कुमार ओम मेटल इंफ्राटेक पावर प्रोजेक्ट में बतौर इंजीनियर कार्यरत थे। वो तीन साल से इसी कंपनी में काम कर रहे थे। एक महीने पहले ही मनीष उत्तराखंड आए थे। मनीष कुमार दो भाईयों में छोटे थे। पिता का स्वर्गवास हो चुका है। दो महीने पहले ही मनीष की नौबतपुर के चेसी में धूमधाम से शादी हुई थी। शादी के कुछ ही दिन बाद वो उत्तराखंड लौट गए थे। 7 फरवरी को आपदा की खबर मिलते ही मनीष के परिजनों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। पत्नी के आंसू थम नहीं रहे। मां भी रो-रोकर बेसुध हो गई है, हालांकि उनकी उम्मीदें टूटी नहीं हैं। आपको बता दें कि तपोवन सुरंग और बैराज साइट से मलबा हटाने और लोगों की तलाश का अभियान आपदा के 19वें दिन भी जारी है। अभी तक कुल 70 शव एवं 30 मानव अंग अलग-अलग स्थानों से बरामद किए गए हैं। जिसमें से 40 शवों एवं 01 मानव अंग की शिनाख्त की जा चुकी है।


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