पहाड़ के जांबाज सपूत को मिला सेना मेडल..एक आतंकी को मार कर 7 लोगों को बचाया था
दो साल पहले जम्मू-कश्मीर में आतंकियों संग हुई मुठभेड़ में हवलदार रविंद्र सिंह धपोला ने एक आतंकवादी को मार कर, सात लोगों की जान बचाई थी। उन्हें सेना मेडल से सम्मानित किया गया है।
Feb 28 2021 6:41PM, Writer:Komal Negi
उत्तराखंड के जांबाज युद्ध नायकों के शौर्य की कहानियां पूरी दुनिया में मशहूर हैं। यहां के लोगों की देशभक्ति का कोई जवाब नहीं। सेना में बहादुरी दिखाने के मामले में उत्तराखंड का बड़ा नाम है। भारतीय सेना के हवलदार रविंद्र सिंह धपोला ऐसे ही जांबाज बहादुरों में से एक हैं। दो साल पहले जम्मू-कश्मीर में आतंकियों संग हुई मुठभेड़ में हवलदार रविंद्र सिंह धपोला ने एक आतंकवादी को मार कर, सात लोगों की जान बचाई थी। अदम्य साहस का परिचय देने वाले हवलदार धपोला को ऊधमपुर (जम्मू कश्मीर) में हुए सेना के एक कार्यक्रम में सेना मेडल (वीरता) से नवाजा गया है। लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी ने उन्हें यह सम्मान प्रदान किया। रविंद्र सिंह धपोला बागेश्वर के धपोलासेरा गांव के रहने वाले हैं। जुलाई 1979 में जन्मे रविंद्र सिंह धपोला की शुरुआती पढ़ाई ननिहाल में हुई। हाईस्कूल करने के बाद वह 26 जुलाई 1999 को सेना में भर्ती हो गए।
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इस दौरान वो पंजाब, दिल्ली, जम्मू समेत कई स्थानों पर तैनात रहे। साल 2019 में जम्मू-कश्मीर में तैनाती के दौरान उनकी टीम को एक गांव में आतंकवादियों के छिपे होने की सूचना मिली थी। जिसके बाद वहां सैन्य ऑपरेशन चलाया गया। ऑपरेशन के दौरान हवलदार रविंद्र सिंह ने क्विक रिएक्शन टीम का नेतृत्व करते हुए प्रारंभिक घेराबंदी करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने विवेक, तत्परता और अदम्य साहस का प्रदर्शन करते हुए एक आतंकवादी को नजदीक से निशाना साधकर मार गिराया। रविंद्र ने अपनी जान की परवाह किए बगैर 7 लोगों की जान बचाई। उत्तराखंड के इस जांबाज लाल को बहादुरी का प्रदर्शन करने पर सेना मेडल (वीरता) से अलंकृत किया गया है। राज्य समीक्षा टीम हलवदार रविंद्र सिंह धपोला को सैल्यूट करती है। आप भी हवलदार रविंद्र सिंह धपोला को बधाई देकर उनका मनोबल बढ़ाएं।