शाबाश BRO: चमोली आपदा में टूटे पुल को BRO ने 10 दिन में बनाया..13 गांवों को होगा फायदा
इस पुल के बनने से आपदा के बाद मुख्यधारा से कट गए चमोली जिले के 13 गांव एक बार फिर आपस में जुड़ जाएंगे। लोगों की जिंदगी आसान हो जाएगी।
Mar 5 2021 4:05PM, Writer:Komal Negi
चमोली की ऋषिगंगा घाटी में आई आपदा अपने पीछे तबाही के निशान छोड़ गई। इस आपदा में जिन लोगों ने अपनों को खो दिया, उनके दुख को तो कम नहीं किया जा सकता, लेकिन बीआरओ ने यहां रहने वालों की जिंदगी आसान बनाने के लिए एक शानदार काम जरूर किया है। बीआरओ ने आपदा के दौरान बहे पुल को दस दिन के भीतर फिर से तैयार कर दिया। ऋषिगंगा नदी के ऊपर बना पुल पिछले महीने आई आपदा की भेंट चढ़ गया था। इस पुल के बहने से घाटी के कई गांव अलग-थलग पड़ गए थे। जो लोग रोजी-रोटी के लिए जोशीमठ जैसे क्षेत्रों पर निर्भर थे, वो भी गांव से बाहर नहीं जा पा रहे थे। लोगों की परेशानी को समझते हुए बीआरओ के जवान दिन-रात पुल निर्माण के काम में जुटे रहे और दस दिन के भीतर नया पुल बनाकर तैयार कर दिया। इस पुल के बनने से आपदा के बाद मुख्यधारा से कट गए चमोली जिले के 13 गांव एक बार फिर आपस में जुड़ जाएंगे। सीमा सड़क संगठन ने इस पुल को ऋषिगंगा नदी के ऊपर बनाया है। पांच मार्च यानी आज से पुल को लोगों की आवाजाही के लिए खोल दिया जाएगा।
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बीआरओ की शिवालिक परियोजना के चीफ इंजीनियर ए. एस राठौर ने बताया कि इस बेली ब्रिज को बनाने की समय सीमा 20 मार्च तय थी, लेकिन बीआरओ ने दिन-रात काम कर के इस पुल को तय समय से 15 दिन पहले ही बना दिया। पुल बनकर तैयार है और 5 मार्च से इस पर आवाजाही शुरू हो जाएगी। 40 टन भार क्षमता वाले इस बेली ब्रिज की लंबाई 190 मीटर है। बेली ब्रिज का निर्माण कार्य 25 फरवरी को शुरू किया गया था। जिसे पूरा करने में 250 मजदूर और बीआरओ के 25 इंजीनियर दिन-रात जुटे हुए थे। इन सबकी मेहनत के चलते ऋषिगंगा घाटी में रहने वाले लोगों की जिंदगी आसान होने जा रही है। बता दें कि 7 फरवरी को आई आपदा में 13 गांवों को जोड़ने वाला पुल भी बह गया था। बीआरओ के जवानों ने 10 दिन के भीतर नया पुल बनाकर तैयार कर दिया है, जिसे आज जनता को समर्पित किया जाएगा।