image: Leopard fear in Pauri Garhwal

पौड़ी गढ़वाल के 12 से ज्यादा गांवों में गुलदार की दहशत, घरों में दुबकने को मजबूर लोग

पौड़ी के 12 से ज्यादा गांवों में गुलदार की सक्रियता बनी हुई है। गुलदार के डर से लोग खेतों में नहीं जा पा रहे, बच्चों ने स्कूल जाना छोड़ दिया है। पढ़िए पूरी खबर
Mar 17 2021 10:33AM, Writer:Komal Negi

उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में जंगली जानवर दहशत का सबब बने हुए हैं। कहीं गुलदार लोगों की जान ले रहे हैं, तो कहीं भालू और जंगली सूअर का आतंक है। पौड़ी के दो दर्जन से ज्यादा गांवों पर भी पिछले दो महीने से बड़ी बुरी बीत रही है। यहां गुलदार के डर से लोग खेतों पर नहीं जा पा रहे। शाम होने से पहले ही लोग घरों में कैद हो जाते हैं। ग्रामीणों के मुताबिक गुलदार के हमले में अब तक दो लोग घायल हो चुके हैं, लेकिन वन विभाग इस तरफ ध्यान नहीं दे रहा। पौड़ी जिले में दो दर्जन से ज्यादा गांव पिछले दो महीने से गुलदार की दहशत के साये में जी रहे हैं। यहां चंदोला राई, मल्ली राई, कोलाकंडी, गोदी, बयाल गांव, रावत गांव, उनियाल गांव, ढांढरी समेत दर्जनों गांवों के लिए गुलदार बड़ा खतरा बना हुआ है। दहशत का आलम ये है कि लोग अंधेरा होने से पहले ही घरों में दुबक जाते हैं।

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ग्रामीणों की पूरी रात दहशत में गुजर रही है। आस-पास के गांवों के बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे। महिलाएं घास लेने के लिए नहीं जा रहीं। ग्रामीणों ने बताया कि क्षेत्र में लंबे समय से गुलदार सक्रिय है। गुलदार अब तक दो लोगों पर हमला भी कर चुका है। जिन इलाकों में गुलदार के हमले हुए, वहां आसपास करीब 500 परिवार रहते हैं। ये परिवार गुलदार की दहशत से परेशान हैं, हर वक्त हमले का डर लगा रहता है। वन विभाग ने गुलदार को पकड़ने के लिए क्षेत्र में पिंजरा भी लगाया था, लेकिन शातिर गुलदार अब तक पकड़ में नहीं आया। गुलदार की दहशत के चलते ग्रामीणों का घर से बाहर निकलना दूभर हो गया है। वहीं वन विभाग के अधिकारियों ने भी क्षेत्र में गुलदार की सक्रियता बने होने की बात कही है। डीएफओ ने बताया कि गुलदार को पकड़ने के लिए क्षेत्र मे पिंजरा लगाया गया है। प्रभावित इलाकों में वनकर्मी लगातार गश्त कर रहे हैं।


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