उत्तराखंड: 20 हजार रुपये में बिका अफसर का ईमान..रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार
उत्तराखंड विजिलेंस की टीम ने भारतीय चिकित्सा परिषद के रजिस्ट्रार को 20 हजार की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया है। आरोपी रजिस्ट्रार रजिस्ट्रेशन के लिए यह रकम मांग रहा था। जानिए पूरा मामला-
Apr 20 2021 7:06PM, Writer:Komal Negi
उत्तराखंड से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। उत्तराखंड विजिलेंस की टीम ने भारतीय चिकित्सा परिषद के रजिस्ट्रार को 20 हजार की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया है। आरोपित रजिस्ट्रार रजिस्ट्रेशन के लिए 20 हजार की रिश्वत मांग रहा था। आरोपी की पहचान रणवीर सिंह पंवार के रूप में हुई है। आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। चलिए आपको बताते हैं कि आखिर यह मामला सामने कैसे आया। दरअसल आरोपी रजिस्ट्रार रजिस्ट्रेशन के लिए यह रकम मांग रहा था। डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने बताया कि बीते 17 अप्रैल को एक व्यक्ति ने पुलिस में शिकायत की। उसको प्राइवेट प्रैक्टिस के लिए भारतीय चिकित्सा परिषद में पंजीकरण कराना था। व्यक्ति डिप्लोमा ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन कर चुका है। जब वह परिषद के दफ्तर में पहुंचा तब आरोपी रजिस्ट्रार रणवीर सिंह पंवार ने पीड़ित को पत्रावली लेकर बंजारावाला के पास ज्वेलर्स की दुकान के बाहर बुलाया और वहां पर उसने उससे बतौर रिश्वत 80 हजार की मांग की।
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जब शिकायतकर्ता ने अपनी आर्थिक स्थिति का हवाला दिया तब आरोपित 50 हजार रुपए लेकर रजिस्ट्रेशन करने को लेकर सहमत हुआ जिसके बाद शिकायतकर्ता ने अपना रजिस्ट्रेशन फॉर्म अपने परिचित डॉक्टर सालिव सिद्धकी के साथ जाकर रणवीर सिंह पंवार को दिया। बता दें कि रजिस्ट्रेशन फॉर्म देने के बाद से ही रणवीर लगातार शिकायतकर्ता को फोन करता रहा और उसने कहा कि रिश्वत के पैसों के अलावा रजिस्ट्रेशन फीस के 5000 भी अलग से देने होंगे और उसने सोमवार को शिकायतकर्ता को बाकी के रुपए लेकर भारतीय चिकित्सा परिषद कार्यालय के पास बुलाया। इसके बाद शिकायतकर्ता ने इस पूरे मामले की शिकायत की और ऐसे भ्रष्ट अधिकारी को पकड़वाने की ठानी जिसके बाद उसने पुलिस में शिकायत पत्र डाला और पुलिस को पूरे मामले से अवगत कराया। इसके बाद पुलिस ने गोपनीय जांच की और गोपनीय जांच में आरोप सही पाते हुए पुलिस ने ट्रैप संचालन हेतु ट्रैप टीम का गठन किया और आरोपित को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा।
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विजिलेंस टीम ने ट्रैप लगाकर आरोपित रणवीर सिंह पंवार को रंगे हाथों पकड़ लिया है और उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया है। आरोपित के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की सुसंगत धारा के अंतर्गत अपराध पंजीकृत कर दिया है और अब उसके ऊपर उचित कार्यवाही की जाएगी। डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने बताया कि यदि कोई भी सरकारी अधिकारी और कर्मचारी जनता से रिश्वत मांगता है तो उसकी शिकायत टोल फ्री नंबर 18001806666 और व्हाट्सएप नंबर 9456592300 पर दे सकते हैं। उन्होंने जनता से अपील की है कि रिश्वत कर्ताओं को रंगे हाथों पकड़ने में पुलिस की मदद करें और इसी के साथ डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने आरोपित को गिरफ्तार करने वाली टीम को पुरस्कृत करने की घोषणा भी की है।