उत्तराखंड पुलिस बनी देवदूत, आधी रात को ऑक्सीजन पहुंचाकर बचाई मरीज की जान
मुश्किल भरे इस वक्त में पुलिस जहां कोविड गाइडलाइन का पालन कराने के लिए सख्ती बरत रही है तो वहीं कोरोना संक्रमितों के लिए जीवन रक्षक की भूमिका भी निभा रही है।
May 2 2021 11:43PM, Writer:Komal Negi
कोरोना की दूसरी लहर के चलते प्रदेश में जो हाल हो रखे हैं, उससे कोई अंजान नहीं है। मुश्किल भरे इस वक्त में पुलिस जहां कोविड गाइडलाइन का पालन कराने के लिए सख्ती बरत रही है तो वहीं कोरोना संक्रमितों के लिए जीवन रक्षक की भूमिका भी निभा रही है। इसकी एक मिसाल देहरादून के ऋषिकेश में देखने को मिली। यहां गुमानीवाला में एक बुजुर्ग बीमार था। हालत बिगड़ती जा रही थी, मरीज को तुरंत ऑक्सीजन की जरूरत थी। ऐसे में मरीज के परिजनों ने सोशल मीडिया के जरिए पुलिस से मदद मांगी और उन्हें मदद मिली भी। कोतवाली पुलिस ने मामले पर संज्ञान लेते हुए रात में ही जरूरतमंद को ऑक्सीजन पहुंचाई। बुजुर्ग को थोड़ा राहत मिलने पर उनका कोरोना सैंपल जांच के लिए भेजा गया। कोरोना संक्रमण काल में पूरा देश ऑक्सीजन के संकट से गुजर रहा है। ऋषिकेश में भी इसकी भारी किल्लत है। जरूरतमंद लोग इंटरनेट पर मदद मांग रहे हैं। शनिवार को गुमानीवाला श्यामपुर में रहने वाले 52 वर्षीय दिनेश प्रसाद पैन्यूली की अचानक तबीयत बिगड़ गई थी। उनका ऑक्सीजन लेवल 80 तक पहुंच गया था। बुजुर्ग के भांजे हंसराज बडोनी ने बताया कि रात के वक्त जब कहीं से मदद नहीं मिली तो उन्होंने एक वॉट्सएप ग्रुप पर रात एक बजे मदद की गुहार लगाई।
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करीब 5 मिनट बाद ही कोतवाली से प्रभारी रितेश शाह का फोन उन्हें आया। उन्होंने बिना किसी पहचान और परिचय के मरीज के बारे में पूरी जानकारी हासिल की। पुलिस अधिकारी ने रात में कोतवाली से करीब 1 बजकर 30 मिनट पर उन्हें ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध कराया। जिसके बाद मरीज को तत्काल ऑक्सीजन उपलब्ध कराई गई। जिससे मरीज का ऑक्सीजन लेवल 95 तक पहुंच गया। मरीज के परिजनों ने बताया कि कोरोना संक्रमण का संदेह होने पर उन्होंने आरटीपीसीआर जांच के लिए सैंपल भेजा है। कोविड गाइडलाइन का पालन भी शुरू कर दिया है। मरीज के परिवार ने मित्र पुलिस को धन्यवाद दिया। कोरोना संक्रमण काल में जहां पड़ोसी और नाते-रिश्तेदार तक मरीजों की मदद का जोखिम नहीं उठा रहे, ऐसे वक्त में पुलिस जनता की सबसे बड़ी मददगार बनकर उभरी है। पुलिस के जवान अपनी जान की परवाह किए बिना संक्रमितों को अस्पताल पहुंचा रहे हैं, साथ ही प्लाज्मा डोनेट कर के मरीजों की जान भी बचा रहे हैं।