उत्तराखंड: कई अस्पतालों के चक्कर काटे पर नहीं मिला वेंटिलेटर, दो वकीलों की मौत
प्रदेश में दम तोड़ती स्वास्थ्य व्यवस्था ने कोरोना मरीजों को खुद के हाल पर छोड़ दिया है। आंखों के सामने ही किसी अपने की जान जा रही है और कोई कुछ नहीं कर पा रहा। ये दुखद होने के साथ ही शर्मनाक भी है।
May 3 2021 9:37PM, Writer:Komal Negi
कोरोना संक्रमण से जूझ रहे प्रदेश में हालात नाजुक बने हुए हैं। राज्य सरकार कह रही है कि ऑक्सीजन पर्याप्त है, अस्पतालों में बेड की कमी नहीं है, लेकिन हकीकत ये है कि मरीजों को न तो समय पर ऑक्सीजन मिल रही है, न ही अस्पतालों में बेड। वेंटिलेटर न मिलने से मरीज तड़प-तड़प कर मर रहे हैं। हरिद्वार में भी वेंटिलेटर न मिलने से दो कोरोना संक्रमित अधिवक्ताओं की मौत हो गई। मरने वालों में एक महिला अधिवक्ता भी शामिल है। रुड़की गंगनहर कोतवाली क्षेत्र के कृष्णानगर में रहने वाली महिला अधिवक्ता कुछ दिन पहले कोरोना पॉजिटिव पाई गई थीं। उनकी तबीयत लगातार बिगड़ रही थी। शनिवार को उनका ऑक्सीजन लेवल काफी नीचे चला गया था। डॉक्टरों ने उन्हें वेंटिलेटर की सलाह दी थी। परिजन उनके लिए वेंटिलेटर ढूंढ रहे थे। एक निजी अस्पताल से बात भी चल रही थी, लेकिन वहां बेड खाली नहीं था।
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महिला अधिवक्ता को समय पर वेंटिलेटर नहीं मिला और आखिरकार उन्होंने दम तोड़ दिया। वहीं एडवोकेट एसोसिएशन लक्सर के पूर्व अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता राजकुमार तोमर भी उपचार के दौरान चल बसे। राजकुमार तोमर का हरिद्वार के एक अस्पताल में इलाज चल रहा था। लक्सर निवासी अधिवक्ता राजकुमार तोमर मूलरूप से खानपुर के मथाना गांव के रहने वाले थे। पिछले दिनों उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इसके बाद से वो अपने घर पर ही आइसोलेट थे। तबीयत में सुधार न होने पर उन्हें जिले के कोविड अस्पताल में एडमिट कराया गया था। शनिवार को उनकी तबीयत बिगड़ गई। उन्हें वेंटिलेटर की जरूरत थी, लेकिन हरिद्वार से रुड़की तक कहीं भी वेंटिलेटर नहीं मिला, जिस वजह से उनका निधन हो गया। नगर में एक साथ दो अधिवक्ताओं के निधन से अधिवक्ताओं में शोक की लहर है।