image: Sabah dies of coronavirus in dehradun

देहरादून: गर्भवती महिला की कोरोना से मौत, गर्भ में पल रहे थे दो शिशु..4 दिन से जूझ रही थी

अस्पतालकर्मियों ने बताया कि आईसीयू में भर्ती रहने के दौरान पिछले दो दिन से सबा अपना मास्क उतारने लगी थी। वो कभी उठकर बैठ जाती तो कभी खामोशी से शून्य में ताकने लगती।
May 5 2021 9:17PM, Writer:Komal Negi

कोरोना संकट के इस दौर ने कई लोगों से उनकी जिंदगी अकाल छीन ली है। लोग अपनों को तड़पते हुए, सिसक-सिसक कर दम तोड़ते देखने को मजबूर हैं, लेकिन बेबसी ऐसी है कि कोई चाहकर भी कुछ नहीं कर पा रहा। दिल को झकझोर देने वाली ऐसी ही एक कहानी सबा हसन की भी है। हरिद्वार की रहने वाली सबा 23 सप्ताह की गर्भवती थी। उनके गर्भ में दो शिशु पल रहे थे, परिवार खुश था, लेकिन किसे पता था कि इन खुशियों को कोरोना की काली नजर लग जाएगी। दुर्भाग्य से ऐसा ही हुआ। कुछ दिन पहले सबा की तबीयत बिगड़ गई। तब उन्हें दून महिला हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया। तबीयत में सुधार नहीं हुआ तो चार दिन पहले सबा को आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया। जहां आईसीयू प्रभारी डॉ. अतुल कुमार एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. स्तुति की देखरेख में उनका उपचार किया जा रहा था। उन्हें बाइपैप और वेंटिलेटर पर रखा गया था, पर सबा की हालत लगातार बिगड़ती चली गई।

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मंगलवार को एक-एक सांस के लिए तड़प रही सबा ने दुनिया को अलविदा कह दिया। कोरोना ने सबा की जिंदगी लील ली, गर्भ में पल रहे दोनों शिशुओं को भी नहीं बचाया जा सका। सबा के निधन पर परिजनों के साथ मेडिकल कर्मचारियों ने भी खूब आंसू बहाए। उनका दर्द आँसुओं के रूप में छलक रहा था। अस्पताल कर्मियों ने बताया कि आईसीयू में भर्ती रहने के दौरान पिछले दो दिन से सबा अपना मास्क उतारने लगी थी। वो कभी उठकर बैठ जाती तो कभी खामोशी से शून्य में ताकने लगती। इससे समझा जा सकता है कि उन्हें कितनी पीड़ा उठानी पड़ रही थी। डॉक्टरों के मुताबिक मरीज को बचाने के लिए उन्होंने प्लाज्मा के लिए एडवाइज किया था, लेकिन कई कोशिशों के बाद भी मरीज को प्लाज्मा नहीं मिल सका। संक्रमण बहुत ज्यादा और ऑक्सीजन लेवल बहुत कम होने की वजह से वह सरवाइव नहीं कर पाईं।


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