देवप्रयाग में बादल फटने से भारी नुकसान..तस्वीरों में देखिए तबाही का मंजर
देवप्रयाग में बादल फटने से भारी तबाही हुई है। घटना के बाद मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत आज खुद आपदा प्रभावित क्षेत्र में पहुंचे और लोगों से मुलाकात कर उन्हें हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।
May 12 2021 5:18PM, Writer:Komal Negi
उत्तराखंड को न जाने किसकी बुरी नजर लग गई है। एक तरफ प्रदेश कोरोना संकट से बुरी तरह जूझ रहा है तो वहीं पहाड़ी इलाकों में लोग कुदरत के कहर से बेहाल हैं। कभी उत्तरकाशी, कभी रुद्रप्रयाग तो कभी टिहरी-चमोली में बादल फटने की घटनाएं हो रही हैं। ताजा मामला देवप्रयाग क्षेत्र का है। जहां मंगलवार शाम बादल फटने से जमकर तबाही मची। दशरथ पर्वत पर बादल फटने से शांता गदेरा उफान पर आ गया। आपदा का सैलाब तबाही बनकर आगे बढ़ा और रास्ते में आने वाली हर दुकान-मकान और सड़कों को साथ बहाता ले गया। यहां बाजार क्षेत्र में जमकर तबाही हुई है। बुधवार को मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत खुद आपदा प्रभावित क्षेत्र में पहुंचे और लोगों से मुलाकात कर उन्हें हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। साथ में कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, आपदा प्रबंधन मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, विधायक विनोद कंडारी, जिलाधिकारी ईवा श्रीवास्तव और एसएसपी भी मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने डीएम को प्रभावितों को अनुमन्य सहायता जल्द उपलब्ध कराने के निर्देश दिये।
यह भी पढ़ें - सावधान रहें: आज उत्तराखंड के 9 जिलों में भारी बारिश, ओलावृष्टि और बिजली गिरने का अलर्ट
तबाही का मंजर
1
/
पहाड़ में इन दिनों लगातार बारिश हो रही है। कई जगह बादल फटने की घटनाएं हो चुकी हैं। मंगलवार शाम नई टिहरी का देवप्रयाग क्षेत्र इस आपदा का गवाह बना। यहां बादल फटने के बाद आए सैलाब ने पूरे बाजार को तहस-नहस कर दिया। पलभर में आईटीआई के भवन सहित लगभग 10 दुकानें ध्वस्त हो गईं।
कई दुकानें क्षतिग्रस्त
2
/
मौके पर मौजूद लोगों ने किसी तरह भागकर अपनी जान बचाई। ज्वैलरी, कपड़े और मिठाई की दुकानें भी मलबे की भेंट चढ़ गईं।
बाजार बंद होने से बची लोगों की जान
3
/
राहत ये रही कि आपदा में किसी की जान नहीं गई। कोविड कर्फ्यू के कारण आईटीआई समेत सभी दुकानें बंद थी, जिससे यहां बाजार में आवाजाही कम थी। बाजार बंद होने के चलते कई लोगों की जान बच गई।
बाजार बंद होने से बची लोगों की जान
4
/
राहत ये रही कि आपदा में किसी की जान नहीं गई। कोविड कर्फ्यू के कारण आईटीआई समेत सभी दुकानें बंद थी, जिससे यहां बाजार में आवाजाही कम थी। बाजार बंद होने के चलते कई लोगों की जान बच गई।