बदरीनाथ धाम में 6 महीने पूजा का अधिकार मनुष्यों को है और 6 महीने पूजा का अधिकार देवताओं को है। यह परंपरा सदियों से चली आ रही है
May 17 2021 1:57PM, Writer:Komal Negi
श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के बाद अब 18 मई को प्रातः बाबा बदरीनाथ के कपाट भी खुल जायेंगे। भगवान बदरी विशाल शीतकालीन प्रवास के लिए 6 महीने जोशीमठ में रहते हैं। इसके बाद ग्रीष्मकालीन प्रवास के लिए वह बदरी धाम चले आते हैं। माना जाता है कि बदरीनाथ धाम में 6 महीने पूजा का अधिकार मनुष्यों को है और 6 महीने पूजा का अधिकार देवताओं को है। यह परंपरा सदियों से चली आ रही है। शीतकाल आते ही मनुष्य बद्रिकाश्रम को छोड़कर वापस आ जाते हैं और उस वक्त कहा जाता है कि वहां देवता गण पूजा करते हैं। ग्रीष्म काल के दौरान बाबा बदरीविशाल वापस बद्रिकाश्रम चले जाते हैं और मनुष्यों द्वारा उनकी पूजा होती है। बाबा बदरी विशाल के कपाट खोलने की तैयारियां जोरों पर हैं। फूलों से भगवान के मंदिर को सजाया गया है और ये तस्वीरें वास्तव में मन मोह लेती हैं। आगे देखिए तस्वीरें
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तैयारियां जोरों पर
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आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी के साथ उद्धव जी, कुबेर जी और मुख्य पुजारी रावल, धर्माधिकारी व अन्य पुजारी श्री बदरीनाथ धाम पहुंच गए हैं।
तस्वीरों में देखिए खूबसूरती
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तस्वीरों में आप देख सकते हैं कि बद्रिकाश्रम कितना खूबसूरत लग रहा है। इसे भू वैकुंठ भी कहा गया है।
ग्रीष्मकालीन प्रवास के लिए आएंगे बदरी विशाल
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भगवान बदरी विशाल शीतकालीन प्रवास के लिए 6 महीने जोशीमठ में रहते हैं। इसके बाद ग्रीष्मकालीन प्रवास के लिए वह बदरी धाम चले आते हैं।
अद्भुत है परंपरा
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माना जाता है कि बदरीनाथ धाम में 6 महीने पूजा का अधिकार मनुष्यों को है और 6 महीने पूजा का अधिकार देवताओं को है।