image: 552 children recover from coronavirus in Uttarakhand

उत्तराखंड: कोरोना को हराने में बच्चे सबसे आगे, 552 बच्चे स्वस्थ होकर घर लौटे.पढ़िए गुड न्यूज

उत्तराखंड में कोरोना को हराने में सबसे आगे हैं बच्चे। अबतक प्रदेश में कुल 552 बच्चे अस्पताल से स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं। तीसरी लहर की आशंका के बीच में पढ़िए यह पॉजिटिव खबर-
May 19 2021 3:30PM, Writer:Komal Negi

पूरा देश इस समय कोरोना की दूसरी लहर से जूझ रहा है। तीसरी लहर दस्तक देने वाली है जिसको देखते हुए हर राज्य अपने स्तर पर प्रयासरत है।यह तीसरी लहर बच्चों के लिए बेहद घातक मानी जा रही है। माना जा रहा है कि तीसरी लहर में बड़ी संख्या में बच्चे संक्रमण की चपेट में आएंगे। मगर इसी बीच उत्तराखंड से एक राहत भरी खबर सामने आ रही है। उत्तराखंड में अब बड़ों के साथ ही बच्चे भी कोरोना का डटकर सामना कर रहे हैं। जी हां, उत्तराखंड में अधिकतर बच्चे कोरोना को मात देकर स्वस्थ होकर घर लौट रहे हैं। राज्य में कुल 554 संक्रमित बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है जिनमें से 2 बच्चे इस वायरस के खिलाफ जंग हार गए हैं मगर शेष 552 बच्चों ने कोरोना को मात दे कर सकुशल घर वापसी कर ली है। यह वाकई एक पॉजिटिव खबर है और तीसरी लहर की आशंका के बीच में यह खबर उम्मीद देती है। उत्तराखंड के श्रीनगर में स्थित मेडिकल कॉलेज के बेस अस्पताल के पीआरओ अरुण बडोनी ने बताया कि अस्पताल में अभी तक 2 बच्चियों की कोरोना से मृत्यु हो चुकी है। एक मासूम की उम्र 6 माह और 1 की उम्र 1 माह बताई जा रही है। दोनों बच्चियों ने कोरोना के कारण दम तोड़ दिया। मगर उत्तराखंड में अधिकांश बच्चे इस वायरस को हरा कर वापस लौट रहे हैं जो कि तीसरी लहर को देखते हुए एक अच्छी खबर है।

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हरिद्वार जिले में अब तक 325 बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हरिद्वार जिले में एक भी बच्चे की मृत्यु दर्ज नहीं हुई है। वहीं देहरादून में भी अभी तक सभी बच्चों ने कोरोना के खिलाफ जंग जीत ली है और देहरादून जिले में भी अभी तक एक भी संक्रमित बच्चे की मृत्यु नहीं हुई है। दून अस्पताल में दिसंबर से लेकर अब तक 46 संक्रमित बच्चे भर्ती हुए हैं जिनमें से सभी बच्चों ने इस वायरस को मार दे दी है और सकुशल घर लौट गए हैं। वहीं कुमाऊं की बात करें तो कुमाऊं में भी सभी बच्चों ने इस वायरस को मात दे दी है। बता दें कि पिछले 1 महीने में कुमाऊं के अंदर 181 बच्चे इस वायरस की चपेट में आ चुके हैं जिनमें से अधिकांश बच्चे स्वस्थ हो चुके हैं और कुमाऊं में भी किसी भी बच्चे ने दम नहीं तोड़ा है जो कि एक पॉजिटिव खबर है। दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ आशुतोष सयाना का कहना है कि प्रदेश में 20 साल से नीचे की उम्र के बच्चों में संक्रमण दर 12 फीसदी तक कम है और इस उम्र वर्ग के बच्चे आसानी से इस वायरस को मात दे रहे हैं। उनका कहना है कि बच्चों के अंदर रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक होती है जिस कारण वे इस वायरस को आसानी से मात दे रहे हैं। उनका कहना है कि मां का दूध भी बच्चों की इम्युनिटी पावर को बढ़ाने में काफी हद तक मदद करता है और अगर बच्चों को समय पर अस्पताल पहुंचा दिया जाए तो उनको बचाना बेहद आसान हो जाता है।


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