उत्तराखंड: कोरोना के साथ साथ नई आफत बना ब्लैक फंगस..अब तक 9 मरीजों की मौत
प्रदेश में अब तक ब्लैक फंगस के 101 केस रिपोर्ट हुए हैं। चिंता इस बात की है कि इसमें मृत्यु दर कोरोना से काफी ज्यादा है। राज्य में अब तक 9 मरीज ब्लैक फंगस के चलते जान गंवा चुके हैं।
May 24 2021 12:11PM, Writer:कोमल नेगी
प्रदेश में कोरोना की रफ्तार थमने लगी है, लेकिन ब्लैक फंगस के बढ़ते मामले सरकार के लिए चिंता का सबब बने हुए हैं। इस बीमारी के इलाज में जो दवाएं इस्तेमाल होती हैं, उनकी भी किल्लत बनी हुई है। ब्लैक फंगस को महामारी घोषित किया जा चुका है। प्रदेश में अब तक ब्लैक फंगस के 101 मरीज रिपोर्ट हुए हैं। जबकि 9 लोगों की मौत हो चुकी है। ब्लैक फंगस से मौत के मामले बढ़ रहे हैं। इस वक्त एम्स ऋषिकेश में ब्लैक फंगस से पीड़ित 64 मरीजों का इलाज चल रहा है। जबकि 17 मरीज हिमालयन मेडिकल कॉलेज में इलाज करा रहे हैं। ऐसा नहीं है कि ब्लैक फंगस का इलाज नहीं है, लेकिन बाजार से इस बीमारी की दवाएं गायब हो गई हैं। बीमारी में इस्तेमाल होने वाले इंजेक्शन की कमी बनी हुई है। एक बड़ी दिक्कत ये भी है कि इस महामारी का इलाज संभव होने के बावजूद इसमें मृत्यु दर कोरोना से बहुत अधिक है।
यह भी पढ़ें - उत्तराखंड: कोरोना ने तबाह किया पूरा परिवार, मां-बेटी के बाद बेटे की भी मौत..क्षेत्र में मातम
ब्लैक फंगस में मृत्यु दर 50 से 60 प्रतिशत है। यह ज्यादातर उन लोगों में पाया जाता है, जिनकी इम्युनिटी बेहद कम है। इस वक्त पोस्ट कोविड मरीजों में यह काफी पाया जा रहा है। बाजार में इसके इंजेक्शन की कमी बनी हुई है। इसे देखते हुए राज्य सरकार ने केंद्र से मदद की गुहार लगाई थी। जिसके बाद 500 इंजेक्शन की खेप उत्तराखंड पहुंच चुकी है। ब्लैक फंगस से एम्स ऋषिकेश में अब तक 5 मरीजों की मौत हुई है। जबकि तीन मरीज ठीक भी हुए हैं। हिमालयन हॉस्पिटल जौलीग्रांट में ब्लैक फंगस से 2 मरीजों की मौत हुई, जबकि 2 लोग ठीक हुए हैं। हल्द्वानी के सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज और रुद्रपुर में भी एक-एक मरीज की जान गई है। राज्य सरकार ब्लैक फंगस की स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। सभी अस्पतालों को निर्देश दिए गए हैं कि जो भी कंफर्म व संदिग्ध मामले आ रहे हैं, उनकी सूचना तुरंत स्वास्थ्य विभाग को दी जाए।