शर्मनाक: प्रसव पीड़ा से जूझ रही गर्भवती, डोली के सहारे पैदल चलकर पहुंचाया अस्पताल
पिथौरागढ़ के अंतिम गांव नामिक में अब भी लोग सड़क जैसी मूलभूत जरूरत की कमी से जूझ रहे हैं। आखिर कबतक गांव के लोग प्रशासन की लापरवाही का खामियाजा भुगतते रहेंगे।
Jul 1 2021 6:06PM, Writer:Komal Negi
पहाड़ों पर सड़क के नाम पर विकास कहां तक पहुंचा है यह किसी से भी छुपा नहीं है। उत्तराखंड के पहाड़ों में सड़क जैसी मूलभूत जरूरत के अभाव के चलते लोगों को समय पर ठीक इलाज और उपचार नहीं मिल पाता है।खासकर कि ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली गर्भवती महिलाओं के लिए पहाड़ों पर रहना खतरे से खाली नहीं है। पहाड़ों पर सड़कों की हालत इतनी दयनीय है कि गर्भवती स्त्रियों को बेहद कष्ट और पीड़ा सहन करनी पड़ती है। प्रसव पीड़ा के दौरान डोली पर उन लोगों को दूर अस्पताल तक ले जाया जाता है, जोकि बेहद शर्मनाक है। पिथौरागढ़ का एक ऐसा ही गांव सड़क जैसी मूलभूत सुविधा के अभाव में जी रहा है। हम बात कर रहे हैं पिथौरागढ़ जिले के अंतिम गांव नामिक गांव की जहां पर सड़क न होने का खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है। सड़क न होने के कारण नामिक गांव के लोगों को समय पर उपचार नहीं मिल पाता। हाल ही में गांव की एक गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा होने के बाद पैदल रास्तों से डोली के सहारे 10 किलोमीटर पैदल चलकर बागेश्वर जिले पहुंचाया गया जिसके बाद 35 किलोमीटर दूर वाहन से कपकोट अस्पताल ले जाया गया जहां पर महिला का प्रसव करवाया गया।
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पिथौरागढ़ के नामिक गांव में अब भी लोगों के नसीब में सड़क जैसी मूलभूत जरूरत नहीं है। किसी को अस्पताल पहुंचाना हो तो अब भी लोग उसको डोली के जरिए ही कोसों मील चलकर अस्पताल ले जाते हैं। यहां के लोग सड़क रास्ते और संचार सेवा के ना होने से बेहद परेशान हैं। बता दें कि हाल ही में गांव के निवासी गोपाल सिंह की 27 वर्षीय गर्भवती पत्नी गीता को मंगलवार को तेज प्रसव पीड़ा हुई इसके बाद ग्रामीणों द्वारा महिला को डोली के सहारे बदहाल रास्तों पर 10 किलोमीटर पैदल चलकर बागेश्वर पहुंचाया गया जहां पर वाहन से महिला को 35 किलोमीटर की यात्रा कर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कपकोट ले जाया गया जहां पर चिकित्सकों की टीम ने महिला का सुरक्षित प्रसव करवाया। केवल गीता ही नहीं बल्कि गांव की कई औरतों का प्रसव इसी तरह से हुआ है। आखिर कब तक गांव के लोग प्रशासन की लापरवाही का खामियाजा भुगतते रहेंगे। नामिक गांव के लोग लंबे समय से सड़क निर्माण की मांग कर रहे हैं। गांव के ग्रामीण पवन का कहना है कि गांव में सड़क जैसी मूलभूत सुविधा ना होने से काफी दिक्कतें हो रही हैं। उन्होंने कहा है कि सड़क निर्माण का काम तो किया जा रहा है मगर वह बेहद धीमी गति से हो रहा है ऐसे में उन्होंने सड़क निर्माण का कार्य तेज गति से पूरा करने की मांग की है।