जब उत्तराखंड में हुई दिलीप कुमार की सुपरहिट फिल्म की शूटिंग, देखिए वो सदाबहार गीत
जानिए दिलीप साहब के जीवन की आज से 63 साल पहले की यह रोचक कहानी जो अब भी नैनीताल जिले के लोगों के दिलों में बस रखी है..देखिए वीडियो
Jul 7 2021 8:10PM, Writer:Komal Negi
अपने समय के दिग्गज अभिनेता दिलीप सिंह ने आज हमेशा-हमेशा के लिए अपनी आंखें मूंद ली हैं। उनके निधन की खबर सुनते ही फिल्मी जगत समेत उनके फैंस को गहरा सदमा पहुंचा है। अपनी अदाकारी के लिए मशहूर दिलीप कुमार ने मुग़ल-ए-आज़म, देवदास और क्रांति जैसी हिट फिल्में दी हैं। मगर क्या आप जानते हैं कि दिलीप कुमार का नैनीताल से एक अटूट और गहरा संबंध रहा है। दिलीप कुमार की याद अब भी पर्यटन नगरी नैनीताल के लोगों के दिलों दिमाग में बस रखी है। दिलीप कुमार का नैनीताल के गेठिया गांव से एक खास और गहरा संबंध रहा है। आज से 63 साल पहले यहां पर दिलीप कुमार अपनी फिल्म की शूटिंग के लिए आए थे और नैनीताल की एक युवती को एक सीन में दिलीप कुमार की हीरोइन बनाया गया था। तब का दिन है और आज का दिन नैनीताल ने अपने दिल में दिलीप कुमार के लिए जो यादें सहेजी थीं वे अब भी उतनी ही ताजी हैं। आगे देखिए उस फिल्म के कुछ गीत
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बात तब की है जब दिलीप कुमार और वैजयंती माला शूटिंग के सिलसिले में नैनीताल पहुंचे थे। आज से 63 साल पहले बिमल रॉय की निर्देशित फिल्म मधुमती की शूटिंग के लिए अभिनेता दिलीप कुमार और अभिनेत्री वैजयंती माला सन 1957 से 58 के बीच में नैनीताल पहुंचे थे। मधुमती हिंदी सिनेमा की दूसरी हॉरर फिल्म मानी जाती है। फिल्म की शूटिंग नैनीताल जिले में हुई थी और सब लोगों की तारीफें बटोरी थी। बता दें कि मधुमती की शूटिंग नैनीताल के गेठिया गांव के अंदर हुई थी। उस फिल्म की शूटिंग में एक सीन के अंदर उसी गांव की एक युवती को दिलीप कुमार की हीरोइन बनाया गया था। यह मशहूर कहानी अब गांव में चर्चित है। वहां के स्थानीय निवासी डॉ हरीश बिष्ट का कहना है कि उन्होंने इस फिल्म की शूटिंग के बारे में अपने बुजुर्गों से खूब सुना है। उन्होंने बताया कि दिलीप कुमार एवं वैजयंती माला ने गेठिया गांव के पास चीड़दार में शूटिंग की थी। हॉरर होने के कारण अधिकांश फिल्म की शूटिंग चीड़दार में ही हुई थी। आगे देखिए उस फिल्म के कुछ गीत
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उन्होंने बताया कि मधुमती शूटिंग के दौरान एक सीन में अभिनेत्री वैजयंती माला को पहाड़ पर दौड़ना था मगर पहाड़ पर दौड़ना उनके लिए मुश्किल साबित हो रहा था और वे यह सीन नहीं कर पा रही थीं जिसके बाद निदेशक बिमल रॉय की निगाह बिमल गांव की बेटी यशोदा आर्या पर पड़ी जो कि पास में ही शूटिंग देख रही थीं और निदेशक ने यह निर्णय लिया कि वैजयंती माला की जगह इस सीन में यशोदा आर्या को पहाड़ पर दौड़ा कर यह सीन शूट किया जाएगा। और यही हुआ ... गांव की युवती को एक सीन में दिलीप कुमार की हिरोइन बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। यशोदा आर्या अब इस दुनिया में नहीं हैं मगर उस समय दिलीप कुमार ने यशोदा आर्या एवं गांव वालों के साथ एक फोटो भी खिंचवाई थी। उसको कुछ लोगों ने आज भी अपने पास सहेज कर रखा हुआ है। बता दें कि फिल्म मधुमती के अधिकतर गीत जो कि सदाबहार गीतों में शुमार हैं वे भी इसी गांव के पास में शूट हुए हैं। " दिल तड़प-तड़प के दे रहा" , "सुहाना सफर और यह मौसम हसीं" जैसे सदाबहार गानों की शूटिंग नैनीताल में ही हुई है। आज भले ही दिलीप साहब ने दुनिया को हमेशा-हमेशा के लिए अलविदा कह दिया हो मगर उनकी याद नैनीताल के लोगों के दिलों में उनकी अब भी ताजी है।