गढ़वाल: क्या DM स्वाति को जान-बूझकर बदनाम किया जा रहा है? सामने आने लगी सच्चाई
डीएम स्वाति भदौरिया के साथ आपदा पीड़ितों की हुई वार्ता को काट-छांट कर सोशल मीडिया पर वायरल किया था। जानबूझकर कर डीएम की छवि को धूमिल करने की कोशिश-
Jul 8 2021 5:03PM, Writer:Komal Negi
चमोली की डीएम स्वाति भदौरिया को क्या जान बूझकर बदनाम करने की कोशिश हो रही है? हाल ही में डीएम का एक विडियो इंटरनेट पर वायरल हुआ था जिसमें डीएम आपदा पीड़ित महिला के साथ अभद्र व्यवहार करती हुई नजर आई थीं। तब से ही जिले के लोगों ने डीएम के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मगर हर सिक्के के दो पहलू होते हैं। इस पूरे मामले ने एक नया मोड़ लिया है और आखिरकार असलियत सबके सामने आ गई है। सच्चाई यह है कि डीएम के साथ स्थानीय लोगों की हुई वार्ता को काट-छांट कर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया गया। जबकि डीएम स्वाति भदौरिया ने कभी आपदा पीड़ितों से अभद्रता नहीं की थी। सोशल मीडिया पर बिना सोचे-समझे बात का बतंगड़ बनाने का रिवाज हो गया है। सोशल मीडिया पर लोग बिना कुछ सोचे-समझे वीडियो शेयर कर देते हैं और उस पर भरोसा कर लेते हैं। डीएम स्वाति भदौरिया के साथ हल्दापानी क्षेत्र में भूस्खलन की समस्या को लेकर स्थानीय लोगों के साथ हुई वार्ता के कुछ अंशों को काट-छांट कर सोशल मीडिया पर जिलाधिकारी की छवि को खराब करने की मंशा से वायरल किया गया। वीडियो कुछ इस तरह से एडिट किया गया कि ऐसा लगे डीएम लोगों के साथ अभद्र व्यवहार कर रही हैं। मगर सच कुछ और है। आगे पढ़िए
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दरअसल पूरी वीडियो में से उसका कुछ अंश काट कर सोशल मीडिया पर जिलाधिकारी की छवि को धूमिल करने के लिए डाला गया। चमोली के अधिकारियों ने इस पूरी घटना को शर्मनाक बताया है और उन्होंने कहा है कि जिलाधिकारी स्वाति भदौरिया बेहद संजीदा हैं और जनता के प्रति संवेदनशील हैं और उनकी छवि को धूमिल करने की कोशिश की गई है। नंदप्रयाग नगर पंचायत की अध्यक्ष हिमानी वैष्णव ने इस पूरे प्रकरण को बेहद शर्मनाक बताया है और उन्होंने कहा है कि चमोली की डीएम स्वाति एस भदौरिया ने हमेशा से ही चमोली के लोगों के प्रति संवेदनशीलता दिखाई है। चाहे वो आपदा हो या कोरोना या जनकल्याण हर परिस्थिति में उन्होंने अपने परिवार की बजाय चमोली के लोगों को प्राथमिकता दी है। उनका कहना है कि डीएम की छवि को धूमिल करने के लिए कुछ स्वार्थी तत्व सोशल मीडिया पर उनका वीडियो वायरल कर रहे हैं और तिल का ताड़ बनाने की कोशिश कर रहे हैं। झूठ का प्रपंच फैला रहे यह लोग डीएम के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं और उनका पुतला फूंक रहे हैं। बिना सच्चाई जाने ऐसा करना बेहद शर्मनाक है और दुर्भाग्यपूर्ण है। वहीं कर्मचारी नेताओं ने डीएम की छवि को धूमिल करने वालों के खिलाफ कठोर से कठोर कानूनी कार्यवाही करने की मांग की है। कर्मचारी यूनियन ने आरोप लगाया है कि कुछ असामाजिक तत्वों के द्वारा जानबूझकर के साथ प्रशासनिक कार्य को प्रभावित करने का प्रयास किया जा रहा है जो कि शर्मनाक है और ऐसे स्वार्थी तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए।