रुद्रप्रयाग: सिलगढ़ में भारी बारिश के बाद तबाही, कई घरों में मलबा घुसने की खबर
लगातार जारी बारिश ने जखोली के सिलगढ़ क्षेत्र में भारी तबाही मचाई। यहां सैलाब के साथ आया मलबा लोगों के घरों में घुस गया। मौके पर मौजूद लोगों ने किसी तरह भागकर अपनी जान बचाई।
Aug 6 2021 7:50PM, Writer:Komal Negi
बारिश ने गर्मी से राहत तो दी है, लेकिन पहाड़ी जिलों की मुश्किलें भी बढ़ाई हैं। सड़कें भूस्खलन की भेंट चढ़ गई हैं। सैकड़ों मोटरमार्ग बंद हैं। नदियां-गदेरे उफान पर हैं, जिससे हादसे हो रहे हैं। बुधवार को रुद्रप्रयाग में हुई भारी बारिश ने जखोली के सिलगढ़ क्षेत्र में भारी तबाही मचाई। यहां पहाड़ से सैलाब की शक्ल में आया मलबा कई लोगों के घरों में घुस गया। लोगों ने किसी तरह घर से भागकर अपनी जान बचाई। यहां कंडाली मोटर मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया है। जिले में 15 से ज्यादा मोटर मार्गों पर गाड़ियों की आवाजाही थमी हुई है। भूस्खलन की वजह से ऊखीमठ-चोपता मंडल मोटरमार्ग और छेनागाड़-घंघासू मोटरमार्ग पर भी गाड़ियां नहीं चल रहीं। करीब 60 गांवों का मुख्यालय से संपर्क कट गया है। सड़कें बंद होने की वजह से गांवों में रोजमर्रा का जरूरी सामान तक नहीं पहुंच पा रहा। बुधवार को सिलगढ़ क्षेत्र में भारी बारिश हुई।
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यहां मूसाढुंग गांव में बारिश से भारी नुकसान हुआ है। पहाड़ से आया मलबा आंगनबाड़ी केंद्र, यशवीर सिंह चौहान, हरबीर सिंह, पवन जखवाल और कर्ण जखवाल के घरों में भर गया। जिससे भवनों को भारी नुकसान पहुंचा है। कंडाली मोटर मार्ग क्षतिग्रस्त होने से लोग आवाजाही नहीं कर पा रहे। सिलगढ़ विकास संघर्ष समिति के अध्यक्ष वीर सिंह रावत ने बताया कि लगातार हो रहा भूस्खलन गांव में कभी भी तबाही का सबब बन सकता है, लेकिन प्रशासन मामले की गंभीरता को समझ नहीं रहा। रुद्रप्रयाग में कई सड़कें बंद हैं। ऊखीमठ-चोपता मोटरमार्ग पर भी गाड़ियां नहीं चल रही। सुबह छेनागाढ़-घंघासू मोटर मार्ग भी भूस्खलन की वजह से बंद हो गया। जिले के 15 मोटर मार्गों पर लगातार पत्थर गिर रहे हैं, जिससे रास्ता बंद है। 60 गांव अलग-थलग पड़े हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से बंद सड़कों को खोलने की मांग की। वहीं जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी एनएस रजवाल ने कहा कि प्रशासन सिलगढ़ में हुए नुकसान का जायजा ले रहा है। बंद सड़कों को खोलने का काम भी जारी है।