उत्तराखंड: अफगानिस्तान से लौटे देहरादून के लोग, कहा- कभी नहीं भूलेंगे ये 4 दिन
सुनील थापा और भूपेंद्र सिंह लगातार चार दिनों के हवाई सफर के बाद स्वदेश लौटे। ये दोनों काबुल स्थित ब्रिटिश दूतावास की सुरक्षा में तैनात थे।
Aug 19 2021 4:10PM, Writer:Komal Negi
अफगानिस्तान में तालिबान शासन के लौटने की आहट से पूरी दुनिया परेशान है। सभी देश अपने-अपने नागरिकों को वहां से निकाल रहे हैं। कई भारतीय भी अफगानिस्तान और काबुल में फंसे हुए हैं। अनिश्चितता और असुरक्षा के माहौल में उन भारतीयों का एक-एक पल किस तरह कट रहा होगा, इसका अंदाजा लगाना बहुत मुश्किल नहीं हैं। बुधवार को अफगानिस्तान से देहरादून लौटे दो लोगों ने वहां की कहानी अपनी जुबानी बताई। सुनील थापा और भूपेंद्र सिंह लगातार चार दिनों के हवाई सफर के बाद स्वदेश लौटे। ये दोनों काबुल स्थित ब्रिटिश दूतावास की सुरक्षा में तैनात थे। सुनील थापा डाकपत्थर और भूपेंद्र सिंह बाडवाला के रहने वाले हैं। घर लौटने पर उन्होंने अफगानिस्तान की स्थिति और तालिबान की कार्रवाई के बारे में बताया। पूर्व सैनिक सुनील थापा ने कहा कि तालिबानी कार्रवाई को देखते हुए 15-20 दिन पहले ही सभी देशों के दूतावासों में हलचल शुरू हो गई थी।
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इस वक्त वहां अराजकता की स्थिति है। उन्हें अफगानिस्तान से निकालने के लिए सबसे पहले काबुल स्थित अमेरिका के एयर बेस पर पहुंचाया गया। वहां से वो ब्रिटिश मालवाहक जहाज से दुबई गए। यहां हवाई अड्डे पर कुछ घंटे रुकने के बाद उन्हें लंदन ले जाया गया। जहां दस घंटे हवाई अड्डे पर गुजारने पड़े। इसके बाद उन्हें दिल्ली रवाना कर दिया गया। इस तरह 4 दिन तक एक जगह से दूसरी जगह भटकने के बाद कहीं जाकर ये लोग अपने वतन वापस लौट सके। सुनील ने बताया कि 14 अगस्त से 18 अगस्त तक के चार दिनों के सफर में वो सिर्फ हवाई जहाज और एयरपोर्ट के वेटिंग रूम में ही रहे। इस यात्रा में आराम, खाना और सोना तक मयस्सर नहीं हो सका। हालांकि सुनील थापा ने एक चौंकाने वाली बात भी कही। उन्होंने कहा कि विदेशी नागरिकों संग तालिबान का व्यवहार नरम है। वो विदेशी नागरिकों की सुरक्षा में कोई कमी नहीं छोड़ रहे। हमारी टीम के 100 से 120 भारतीय अब भी काबुल में फंसे हैं। फिलहाल सभी सुरक्षित हैं।