रुद्रप्रयाग का लड़का, चमोली की लड़की..जाति के बंधन तोड़कर-‘एक विवाह ऐसा भी’
लड़का रुद्रप्रयाग जिले का है और अुनुसूचित जाति है। उधर लड़की चमोली की है और सामान्य परिवार से ताल्लुक रखती है।
Aug 24 2021 5:40PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क
कभी गढ़रत्न नरेन्द्र सिंह नेगी जी ने एक कालजयी गीत लिखा था- छान्यूं मां कर्यूं डेरू..इसी गीत में आगे कुछ शब्द आते हैं- धरम कू जाती कु, जन्द्योऊं तोड्यूं च..खड्योणि तेरा बाना, लाठ्याली तेरे खातिर..आप सोच रहे होंगे कि दशकों पहले लिखा गया ये गीत हम आज क्यों दोहरा रहे हैं? दरअसल ऐसा ही कुछ गढ़वाल में देखने को मिला है। कहानी क्या है, पहले समझ लीजिए। लड़का रुद्रप्रयाग जिले का है और अुनुसूचित जाति है। उधर लड़की चमोली की है और सामान्य परिवार से ताल्लुक रखती है। दोनों के बीच बहुत लंबे वक्त से बातचीत चल रही थी। ये बातें कब प्यार में बदल गई और प्यार ने कब सात जन्मों के वादों का रूप ले लिया..कुछ भी पता नहीं चला। बस ये दोनों इतना जानते हैं कि दोनों ही एक दूसरे के लिए बेहद जरूरी हैं। प्यार परवान चढ़ा तो दोनों ने शादी करने का फैसला लिया। आखिरकार सोमवार को युवक युवती के पास पहुंचा तो मुश्किल आ गई।
लड़की के परिजनों ने बुला दी पुलिस
सोमवार को युवक युवती के पास पहुंचा तो वहां लड़की के परिजनों ने पुलिस प्रशासन का सहारा ले लिया। इस बीच युवती युवक से शादी करने पर अड़ी रही। युवती का साफ कहना है कि वो दोनों ही बालिग हैं और दोनों के अपनी मर्जी से शादी करने का पूरा अधिकार है। अब पुलिस करे तो क्या करे? पुलिस ने दोनों की मर्जी से हो रही शादी को उनका संवैधानिक अधिकार बताया है। मान-मनौव्वल का दौर जारी है लेकिन शायद लडके और लड़की ने ठान ली है ये शादी होकर रहेगी। युवती पुलिस के सामने ही अंतरजातीय विवाह के लिए अड़ गई। अब पुलिस का कहना है कि वो बालिग हैं और ये फसला दोनों का संवैधानिक अधिकार है।