देवभूमि की कमला को मिला प्रतिष्ठित फ्लोरेंस नाइटेंगल अवॉर्ड, राष्ट्रपति ने दिया सम्मान
ये बेहद अफसोस की बात है, कि नर्स कमला थापा अब इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन वो अपने कामों से कई जिंदगियों पर बड़ी छाप छोड़ गई हैं।
Sep 17 2021 6:45PM, Writer:Komal Negi
मतलबपरस्ती के इस दौर में कुछ लोग मिसाल बनकर तमाम जिंदगियों को रौशन कर जाते हैं। देहरादून की नर्स कमला थापा ऐसी ही शख्सियत थीं। कमला थापा जिंदगीभर मरीजों की सेवा में जुटी रहीं। 37 साल तक उन्होंने अपनी सेवाएं दीं। अब उन्हें मरणोपरांत प्रतिष्ठित फ्लोरेंस नाइटेंगल अवॉर्ड से नवाजा गया है। ये बेहद अफसोस की बात है, कि कमला थापा अब इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन वो अपने कामों से कई जिंदगियों पर बड़ी छाप छोड़ गई हैं। मरणोपरांत ही सही, उनके काम को सम्मान मिला है। हम अक्सर अस्पतालों में नर्सेज को मरीजों की सेवा में जुटे देखते हैं, और ये कोई आसान काम नहीं है। मरीजों की देखरेख के साथ अपने परिवार की जिम्मेदारी निभाना बेहद मुश्किल है, लेकिन कमला थापा ने इस जिम्मेदारी को पूरे 37 साल तक निभाया। दून अस्पताल में 27 साल तक सेवा कार्य करने के बाद नर्स कमला थापा ने दस साल मेला अस्पताल हरिद्वार में भी काम किया।
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वर्ष 2011 में सेवानिवृत्त होने के बाद भी वह हमेशा जनसेवा कार्यों में जुटी रही। अपने पूरे सेवा काल में कमला थापा ने खासकर अस्पताल में आने वाले लावारिस व अनाथों की सेवा की। यही नहीं वो जरूरतमंदों की आर्थिक मदद भी किया करती थीं। अस्पताल में तैनाती के दिनों में उन्होंने अधिकांश ड्यूटी बर्न व टीबी वार्ड में की थी। कोरोना काल में उन्होंने लोगों की हिम्मत बंधाई, लेकिन अफसोस कि इसी कोरोना ने कमला थापा की सांसें रोक दीं। बीते साल कोरोना से जूझते हुए वो चल बसीं। कमला थापा को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने एक वर्चुअल समारोह में मरणोपरांत अवॉर्ड से नवाजा है। जिसे उनके स्वजनों ने रिसीव किया। इस मौके पर उनकी बेटी दीप्ति रौतेला ने कहा कि मां ने हमेशा गरीब-बेसहारा लोगों की मदद की। हमें खुशी है कि उनके काम को सम्मान मिला है। राज्य समीक्षा टीम कमला थापा जैसे जुझारू स्वास्थ्यकर्मियों को सैल्यूट करती है।