गढ़वाल: प्रसव के बाद हुई महिला की मौत, रोती बिलखती महिलाओं ने घेरा अस्पताल
जिला अस्पताल उत्तरकाशी में देर रात प्रसव के बाद ऑपरेशन के दौरान महिला की मौत परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लगाए लापरवाही का आरोप
Sep 20 2021 8:26PM, Writer:साक्षी बड़थ्वाल
परिवार में बच्चे का आगमन खुशियों की दस्तक माना जाता है. किसी मां के लिए ये पल उसके जीवन का सबसे अनमोल पल होता है. लेकिन अगर वो की पल आपसे आपका सब कुछ छीन के तो? ये पहाड़ की नियति है ? ये पहाड़ से किए गए वादे हैं ? उन वादों और दावों का अंतिम संस्कार उसी वक्त हो गया, जब दर्द से कराहती एक मां की आंखें हमेशा के लिए बंद हो गई. उत्तरकाशी के जिला अस्पताल में जो हुआ, वो लाचार और अर्थी पर पड़ी स्वास्थ्य सेवा का जीता जागता उदाहरण है. जहां जिला अस्पताल में रविवार देर रात प्रसव के बाद किए गए ऑपरेशन के दौरान एक 22 वर्षीय महिला की मौत हो गई प्रसव के बाद हुई इस घटना से जहां नवजात बच्ची के सर से मां का साया उठ गया वहीं मां की ममता के साथ ही उसके दूध से भी वंचित हो गई. चलिए आपको पूरे मामले से अवगत कराते हैं-
यह भी पढ़ें - उत्तराखंड बना नंबर-1, बुजुर्गों के लिए देश में सबसे सुरक्षित है देवभूमि
जानकारी के मुताबिक डुंडा ब्लाक के छमरोली गांव की गर्भवती आशा देवी (उम्र 22 वर्ष) की प्रसव की तिथि आने पर रविवार सुबह को स्वजन ने उसे जिला महिला अस्पताल में भर्ती कराया. जिसके बाद सामान्य प्रसव न होने की बात कहकर अस्पताल के चिकित्सकों ने रविवार की सुबह 10 बजे आशा का ऑपरेशन के जरिये प्रसव कराया, और महिला ने एक बच्ची को जन्म दिया. जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ थे, लेकिन शाम छह बजे फिर आशा के पेट में अचानक तेज दर्द होने लगा. जिसके बाद महिला के पति प्रवीण नौटियाल 3 बजे महिला चिकित्सक को बुलाने के लिए गए. लेकिन महिला डॉक्टर अस्पताल में मौजूद नहीं थी , इसलिए केवल नर्स ही देखने आती रही, तकरीबन रात नौ बजे डॉक्टर आई और महिला की जाँच की जिसके बाद डॉक्टर ने बोला की महिला की बच्चेदानी सिकुड़ रही है, जिस वजह से ऑपरेशन करना पड़ेगा. लेकिन इस आपरेशन के होते ही प्रसव पीड़िता महिला ने दम तोड़ दिया.
यह भी पढ़ें - उत्तराखंड: हादसे के बाद सड़क पर तड़प रहे थे 6 छात्र, फरिश्ता बनकर आया ये IPS अफसर
घटना की जानकारी मिलते ही ग्रामीणों ने सोमवार की सुबह अस्पताल को घेर लिया और लापरवाही बरतने के आरोपित चिकित्सकों को खरीखोटी सुनाई. वहीं इस मामले में प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डा. एसडी सकलानी का कहना है. कि प्रसव के कुछ घंटों बाद महिला के पेट में खून के क्लॉटिंग और बच्चेदानी सिकुड़ने के कारण सभी विशेषज्ञ डॉक्टरों की निगरानी में दोबारा ऑपरेशन किया जा रहा था. ब्लड की भी पर्याप्त व्यवस्था की गई थी. उस समय दुर्भाग्य से महिला की मौत हो गई.आपको बता दें की महिला अस्पताल में लापरवाही बरतने वाले चिकित्सकों के खिलाफ ग्रामीणों ने जमकर आक्रोश व्यक्त किया साथ ही सरकार से मांग की है कि दोषी डॉक्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए.