image: Story of almora badminton player Geeta negi

उत्तराखंड: गीता नेगी के जज्बे को सलाम, कैंसर को हराकर बैडमिंटन में जीते दो गोल्ड मेडल

अगर जिंदगी जीने का जज्बा हो तो कैंसर जैसी गंभीर बीमारी को हराकर आगे बढ़ा जा सकता है। गीता नेगी ने अपनी उपलब्धियों से इस बात को सच साबित कर दिया।
Oct 15 2021 3:38PM, Writer:Komal Negi

कैंसर। एक ऐसी बीमारी जो इंसान को शारीरिक और मानसिक रूप से तोड़कर रख देती है। ज्यादातर लोग इस शब्द को सुनते ही हार मान लेते हैं, लेकिन अगर जिंदगी जीने का जज्बा हो तो कैंसर जैसी गंभीर बीमारी को हराकर आगे बढ़ा जा सकता है। आज हम आपके लिए एक ऐसी महिला खिलाड़ी की कहानी लेकर आए हैं, जिन्होंने ब्रेस्ट कैंसर पर जीत हासिल करने के बाद ऑल इंडिया मास्टर्स बैडमिंटन टूर्नामेंट में दो स्वर्ण और एक रजत पदक जीता है। हमारी कहानी की नायिका गीता नेगी हैं। 56 साल की गीता नेगी हल्द्वानी की रहने वाली हैं। उन्होंने गोवा में 19 से 26 सितंबर के बीच हुए ऑल इंडिया मास्टर्स बैडमिंटन टूर्नामेंट में उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व किया और अलग-अलग वर्गों में दो गोल्ड और एक सिल्वर मेडल जीतने में कामयाब रहीं। गीता अब 28 नवंबर से 4 दिसंबर तक स्पेन में होने वाली इंटरनेशनल चैंपियनशिप में इंडिया का प्रतिनिधित्व करेंगी। 56 साल की उम्र में खेल के मैदान में वापसी करने वाली गीता की जर्नी बेहद कठिन, लेकिन हर किसी को हौसला देने वाली है।

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गीता के पति गिरीश चंद्र सिंह नेगी जीबी पंत हिमालयन पर्यावरण संस्थान कोसी, कटारमल में विज्ञानी हैं। वो खुद भी अल्मोड़ा के सरकारी स्कूल में स्पोर्ट्स शिक्षिका के तौर पर कार्यरत थीं। उनकी एक 27 साल की बेटी और 24 साल का बेटा है। स्वास्थ्य समस्याओं के चलते गीता को नौकरी से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेनी पड़ी। गीता बताती हैं कि साल 2018 में उन्हें ब्रेस्ट कैंसर हुआ। गंभीर बीमारी ने उन्हें तोड़कर रख दिया था। इस दौरान पति और बच्चे गीता का मनोबल बढ़ाते रहे। उनका दिल्ली में इलाज चला और 2020 तक वो इस बीमारी से उबरने में कामयाब रहीं। कैंसर पर जीत हासिल करने के बाद उन्होंने साल 2020 में मास्टर्स नेशनल बैडमिंटन में कांस्य पदक जीता। खेलों में उनका सफर जारी है। इस तरह अपनी हिम्मत के दम पर गीता एक बार फिर खेल के मैदान में लौट चुकी हैं और उम्र के साथ बीमारियों के आगे घुटने टेकने वालों को आगे बढ़ने का हौसला दे रही हैं।


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