image: Dehradun girl Archana to travel in rocket

देहरादून की छात्रा अर्चना को बधाई, रॉकेट में बैठकर छुएगी आसमान..मां करती है घरों में काम

देहरादून की नौंवी क्लास की बिटिया अर्चना निसाद को सलाम, घर से स्कूल तक पैदल सफर करने वाली अब रॉकेट में बैठ कर करेगी आसमान की सैर-
Oct 18 2021 8:09PM, Writer:अनुष्का ढौंडियाल

अगर मन में कुछ हासिल करने की ठान लो, तो नामुमकिन कुछ भी नहीं है। अब देहरादून की होनहार बिटिया अर्चना निसाद को ही देख लीजिए, अपने घर से स्कूल तक का सफर पैदल तय करने वाली अर्चना निसाद अपनी मेहनत और लगन के बलबूते पर जल्द ही रॉकेट में बैठकर आसमान की सैर करने जा रही हैं। जी हां, देहरादून की अर्चना निसाद का चयन चेन्नई के रॉकेट लांच कार्यक्रम में हुआ है। अर्चना समेत उत्तराखंड की चार छात्राओं को अगले साल चेन्नई में होने जा रहे रॉकेट लांच कार्यक्रम के लिए चयनित किया गया है। चारों होनहार छात्राओं को न केवल रॉकेट लांच और मिसाइल लांच देखने का मौका मिलेगा बल्कि रॉकेट में बैठकर आसमान की सैर का मौका भी मिलेगा। अर्चना के अलावा राजीवगांधी नवोदय विद्यालय ननूरखेड़ा की छात्रा आस्था जोशी, जीआइसी नालापानी की छात्रा अदिति सिंह और रीता राजकीय इंटर कालेज, श्यामपुर की छात्रा साक्षी को भी रॉकेट लॉन्च कार्यक्रम के लिए चयनित किया गया है।

यह भी पढ़ें - देहरादून के मकान मालिक ध्यान दें, ये काम जरूर निपटा लें..वरना भरोगे जुर्माना
अर्चना राजकीय बालिका इंटर कालेज राजपुर रोड में नौवीं की छात्रा हैं। उनका यह सपना विज्ञान विषय में उनकी रूचि के कारण पूरा हुआ। इसी के साथ अर्चना ने समाज के बीच पल रहा यह बड़ा मिथ तोड़ा है कि सरकारी स्कूलों के बच्चे कम प्रतिभाशाली होते हैं। अर्चना जैसे ही प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाली तीन और छात्राओं को यह सुनहरा अवसर मिला है। कई चरण की परीक्षा और प्रतियोगिता पास करने के बाद अर्चना का चयन राकेट लांच कार्यक्रम के लिए हुआ है। अर्चना निसाद बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखती हैं। वे स्कूल तक का सफर भी पैदल ही तय करती हैं। अर्चना की मां उमा देवी कोठियों में सफाई और खाना पकाती हैं, तो उनकी बड़ी बहन पूजा सिलाई करती हैं। अर्चना अंतरिक्ष विज्ञान की पढ़ाई कर वैज्ञानिक बनना चाहती हैं।उत्तराखंड की छात्राओं में विज्ञान और अंतरिक्ष विज्ञान के प्रति रुचि जगाने के लिए शिक्षा विभाग ने समग्र शिक्षा अभियान के तहत अमेरिकन इंडिया फाउंडेशन के साथ एमओयू किया था.

यह भी पढ़ें - देहरादून-हल्द्वानी -पिथौरागढ़ हेली सेवा रद्द, रेड अलर्ट के बीच लिया गया बड़ा फैसला
यह संस्था सरकारी विद्यालयों में आठवीं और नौवीं कक्षा में पढ़ रहे होनहार विद्यार्थियों को ड्रोन बनाना और उड़ाना सिखा रही है। इन बच्चों को छोटे सेटेलाइट बनाना और उसे लांच करना भी सिखाया जा रहा है।स्पेस जोन इंडिया और प्रतिष्ठित टेक कंपनी आइबीएम के सहयोग से बच्चों को ट्रेनिंग दी जा रही है। चयनित बच्चों को ड्रोन व मिनी सेटेलाइट बनाने और उसके इस्तेमाल का प्रशिक्षण दिया जाता है। इसके अलावा बच्चों को कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई कराई जाती है। संस्था की तरफ से चयनित छात्रों को ऑनलाइन माध्यम से कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई कराने के साथ ड्रोन व मिनी सेटेलाइट के संबंध में जानकारियां दी गई हैं। उत्तराखंड से चयनित चार छात्राओं को अब अगले साल स्पेस जोन इंडिया के राकेट लांच कार्यक्रम में शामिल होने का मौका मिलेगा, जिसमें वे कुछ मिनट तक रॉकेट में बैठकर आसमान की सैर भी करेगे।


View More Latest Uttarakhand News
View More Trending News
  • More News...

News Home