देहरादून, हल्द्वानी, हरिद्वार, रुद्रपुर में खतरनाक स्तर पर वायु प्रदूषण..जानिए अपने शहर का हाल
प्रदूषण की स्थिति सिर्फ दिल्ली में ही नहीं, उत्तराखंड (Air pollution uttarakhand) के कई शहरों में भी बेहद गंभीर बनी हुई है। देहरादून में एयर क्वालिटी इंडेक्स यानी एक्यूआई 348 तक पहुंच चुका है।
Nov 6 2021 2:00PM, Writer:कोमल नेगी
जिस बात का डर था वही हुआ। कोरोना काल की पाबंदियों के बाद इस बार मौका मिला तो लोगों ने उत्साह से दिवाली मनाई। खूब पटाखे फोड़े, लेकिन इससे पर्यावरण को खासा नुकसान हुआ है। प्रदूषण की स्थिति सिर्फ दिल्ली में ही नहीं, उत्तराखंड (Air pollution uttarakhand) के कई शहरों में भी गंभीर बनी हुई है। राजधानी देहरादून के अलावा हरिद्वार, ऋषिकेश, हल्द्वानी, काशीपुर व रुद्रपुर जैसे शहरों में हुई आतिशबाजी के चलते इन शहरों की हवा जहरीली हो गई है। प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है। जो लोग दमा जैसी बीमारियों से जूझ रहे हैं, उनके लिए यहां की हवा बेहद खतरनाक है। स्वस्थ लोग भी बीमार पड़ रहे हैं। उत्तराखंड के शहरों में एयर क्वालिटी किस हद तक खराब हुई है, ये भी बताते हैं। राजधानी देहरादून में एयर क्वालिटी इंडेक्स यानी एक्यूआई 348 तक पहुंच चुका है। धर्मनगरी हरिद्वार में दिवाली के एक दिन पहले यह 209 दर्ज किया गया था। दिवाली के अगले दिन एक्यूआई 321 दर्ज किया गया।
कई जगह खतरनाक प्रदूषण
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ऋषिकेश में एक दिन पूर्व एक्यूआई 136 दर्ज किया गया था, जो अगले दिन 257 पर पहुंच गया। हल्द्वानी में एक्यूआई 251 और रुद्रपुर में 263 दर्ज किया गया। काशीपुर में एक दिन पहले एक्यूआई 128 दर्ज किया गया था, जो कि अगले दिन 267 हो गया। देहरादून के घंटाघर में जहां एक्यूआई 348 दर्ज किया गया, वहीं नेहरू कॉलोनी में यह 327 रहा। दिवाली के अगले दिन राजधानी और आसपास के इलाकों में धुंध छाई रही। बता दें कि शून्य से लेकर 50 तक के एयर क्वालिटी इंडेक्स को सेहत के लिए ठीक माना जाता है।
मरीजों के लिए बेहद खतरनाक है ये हवा
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300 से अधिक का एक्यूआई स्तर सेहत के लिए बेहद खतरनाक है। दिवाली पर आतिशबाजी (Air pollution uttarakhand) का धुआं सांस रोगियों पर भी भारी पड़ा। 24 घंटे के भीतर 50 से ज्यादा रोगियों की हालत बिगड़ गई, उन्हें अस्पताल पहुंचाना पड़ा। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव एसपी सुबुद्धि ने बताया कि स्थितियों को सामान्य होने में अभी थोड़ा समय लगेगा। विशेषज्ञों द्वारा 11 नवंबर तक शहरों में वायु प्रदूषण की निगरानी लगातार की जाएगी।