शीतकाल के लिए बाबा केदारनाथ के कपाट बंद हो गए हैं। अगले 6 महीने प्रभु केदारनाथ ऊखीमठ में विराजमान रहेंगे। देखिए 10 भव्य तस्वीरें
Nov 6 2021 2:58PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क
केदारनाथ धाम (Kedarnath kapat closed) के कपाट भैया दूज के अवसर पर सुबह आठ बजे शीतकाल के लिए बंद हो गए हैं। सेना के बैंड की भक्तिमय धुनों के साथ कपाट बंद होने के बाद पंचमुखी विग्रह मूर्ति विभिन्न पड़ावों से होते हुए शीतकालीन गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में विराजमान होगी। अगले छह माह भोले बाबा के दर्शन यहीं होंगे। ग्याहरवें ज्योर्तिलिंग भगवान केदारनाथ मंदिर के कपाट आज भैया दूज पर पूजा-प्रक्रिया के बाद विधि-विधान से बंद कर दिए गए हैं। सुबह छह बजे पुजारी बागेश लिंग ने केदारनाथ धाम के दिगपाल भगवान भैरवनाथ का आह्वान कर धर्माचार्यों की उपस्थिति में स्यंभू शिवलिंग को विभूति और शुष्क फूलों से ढककर समाधि रूप में विराजमान किया। ठीक सुबह आठ बजे मुख्य द्वार के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिये गए। आगे देखिए 10 तस्वीरें
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बड़ी संख्या में आए श्रद्धालु
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इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु कपाट बंद होने के साक्षी बने। शिव शंकर के जयकारों के लिए केदारपुरी गूंज ऊठी
ऊखीमठ के लिए प्रस्थान
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बर्फ की सफेद चादर ओढ़े केदारनाथ धाम से पंच मुखी डोली ने सेना के बैंड-बाजों की भक्तमय धुनों के बीच मंदिर की परिक्रमा कर विभिन्न पड़ावों से होते हुए शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए प्रस्थान किया।
7 नवंबर को गुप्तकाशी पहुंचेगी डोली
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सात नवंबर को केदारनाथ की डोली विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी प्रवास के लिए पहुंचेगी। वहां भी भक्त बाबा के आने का इंतजार कर रहे हैं।
8 नवंबर को ऊखीमठ पहुंचेगी डोली
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आठ नवंबर को भगवान केदारनाथ की पंचमुखी डोली के पंच केदार गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर में विराजमान हो जाएगी। इसी के साथ भगवान भगवान केदारनाथ की शीतकालीन पूजा शुरू होगी।
पीएम मोदी भी आए थे
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बता दें कि एक दिन पहले ही उत्तराखंड दौरे के बीच पीएम नरेंद्र मोदी केदारनाथ मंदिर भी पहुंचे थे. यहां उन्होंने पूजा अर्चना की थी. इस दौरान उन्होंने आदि शंकराचार्य की प्रतिमा का लोकार्पण भी किया था.
सुबह 8 बजे बंद हुए कपाट
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मंदिर के कपाट ठंड का मौसम रहने तक बंद किये गए हैं. आज सुबह आठ बजे से कपाट बंद कर दिए गए हैं.
सुबह 4 बजे हुए विशेष पूजा
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सुबह 4 बजे से केदारनाथ मंदिर में बाबा की विशेष पूजा-अर्चना शुरू हुई। मुख्य पुजारी बागेश लिंग द्वारा बाबा केदार की विधि-विधान से अभिषेक कर आरती उतारी गई।
भस्म से ढका गया लिंग
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साथ ही स्वयंभू ज्योतिर्लिंग को समाधि रूप देते हुए लिंग को भस्म से ढक दिया गया। इसके बाद बाबा केदार की पंचमुखी भोग मूर्ति का शृंगार कर चल विग्रह उत्सव डोली में विराजमान किया गया।
ऊखीमठ चले बाबा केदार
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परंपरानुसार बाबा केदार की मूर्ति को मंदिर परिसर में भक्तों के दर्शनार्थ रखा गया। सुबह 8:00 बजे ऊखीमठ के एसडीएम जितेंद्र वर्मा व देवस्थानम बोर्ड के अपर कार्याधिकारी की मौजूदगी में केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिए गए।
भक्तों ने लगाए जयकारे
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साथ ही मंदिर के कपाट (Kedarnath kapat closed) की चाबी एसडीएम को सौंप दी गई। इसके बाद बाबा केदार की डोली मंदिर की तीन परिक्रमा करते हुए श्रद्धालुओं के जयकारों के बीच अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए प्रस्थान कर गई।