उत्तराखंड में गजब हाल..करोड़ों खर्च कर 56 हजार नल लगाए, सिर्फ 10 फीसदी नलों में आया पानी
घरों में करोड़ों की लागत से 56 हजार नल तो लगा दिए, मगर पानी (Pithoragarh 56 thousand water connection) का नामोनिशान नहीं, पिथौरागढ़ वालों के साथ यह छल क्यों।
Nov 16 2021 12:19PM, Writer:अनुष्का ढौंडियाल
तो लीजिए, क्या एक बार फिर विकास के नाम पर जनता को बेवकूफ बनाया गया है? यह उत्तराखंड में नई बात नहीं है। यहां हर कोई बस जनता को मूर्ख ही बनाता है। अब पिथौरागढ़ (Pithoragarh 56 thousand water connection) में ही देख लीजिए, यहां कहा गया कि सबको जल्द ही घरों में साफ पानी मिलेगा। हर घर तक नल योजना भी करोड़ों की लागत से शुरू की गई। मगर नल लगाने के बाद शायद प्रशासन भूल गया है कि उनमें पानी आना भी इम्पोर्टेन्ट है। नल तो लग गए मगर पानी नहीं आया। करोड़ों की लागत से नल तो लगा दिए हैं मगर पानी का नामोनिशान दिख नहीं रहा है। बगैर पेयजल योजना के लगे 56 हजार नल इसका साक्षात प्रमाण हैं। पेयजल योजना कब बनेगी और कब इन 56 हजार नलों से पानी आएगा इसका अता-पता ही नहीं है। आगे पढ़िए
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56 हजार नल लगे
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दरअसल पिथौरागढ़ में जल जीवन मिशन योजना के तहत 56 हजार घरों में पानी के कनेक्शन लगाए गए हैं। अब इतना खर्चा किया मगर जिस चीज के लिए किया ? उसके लिए तो लोग अब भी तरस रहे हैं। 10 प्रतिशत नलों में ही पानी आ रहा है। शेष 90 प्रतिशत नलों से अब तक पानी की बूंद नहीं टपकी है। इनमें पानी कब और कहां से आएगा, इसका अता-पता नहीं है। यह भी सच है कि बगैर पेयजल योजना के लगे नलों का कोई औचित्य ही नहीं है।
आखिर कब आएगा पानी?
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बावजूद इसके योजना की सफलता के दावे हो रहे हैं। वहीं जल निगम, पिथौरागढ़ के अधिशासी अभियंता आरएस धर्मसक्तू का कहना है कि योजना के तहत प्रथम चरण में अब तक 56 हजार कनेक्शन (Pithoragarh 56 thousand water connection) लगाने का काम किया गया है। दूसरे चरण में इन कनेक्शनों के लिए पेयजल योजना बनेगी, जिसकी तैयारी पूरी है। यह योजना निश्चित तौर पर सफल रहेगी। देखना है कि आगे क्या होता है।